Hindi, asked by millikangsang198, 11 months ago

Naukri pesha abhibhavak ok bacchon ke Palan ki samasya par Prakash daliye

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Answered by shishir303
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नौकरीपेशा अभिभावकों के बच्चों के पालन की भी अपनी समस्यायें होती हैं। आज महंगाई के इस युग में घर चलाने के लिए मां और बाप दोनों को काम करना पड़ता है इस कारण उनका अधिकतर समय बाहर अपने कार्यालय आने-जाने में ही लग जाता है और वो अपने बच्चों पर उतना ध्यान नही दे पाते हैं। कार्यालय से देर से आते हैं फिर अपने घर के काम मे लग जाते हैं या कार्यालय का कोई काम घर पर ही करने लगते हैं, जिससे उनका अपने बच्चों से संवाद कम हो पाता है।

बच्चे मात-पिता के प्रेम और स्नेह के भूखे होते हैं। वो चाहते हैं कि उनके माता-पिता उनसे प्यार से बातें करें, उनसे उनकी समस्यायें पूछें। लेकिन माता-पिता अपनी व्यस्तता के कारण बच्चों पर उतना ध्यान नही दे पाते।

नौकरीपेशा अभिभावकों के बच्चों के लालन-पालन में एक समस्या ये भी आती है कि बच्चा अंतर्मुखी बन जाता है क्योंकि उसे अपने माता-पिता से मनोवांछित देखभाल नही मिल पाती और बच्चे अपने माता-पिता से मिलने वाले प्यार को किसी अन्य में तलाशने लगते हैं। धीरे-धीरे उसमें हीन-भावना जन्म लेने लगती है।  ऐसे बच्चों की किसी गलत संगत में जाकर भटकने की संभावना हो सकती है।

नौकरी पेशा अभिभावक अपने बच्चों की धन के विषय में कोई कमी नही रखते और उनकी हर जरूरत पूरी करते हैं लेकिन खाली धन से परवरिश नही होती। बच्चों को अच्छे संस्कार, बेहतर मार्गदर्शन, प्रेम, अपनत्व आदि भी चाहिये होता है।

नौकरीपेशा अभिभावक यदि चाहे तो समय का सही ढंग से नियोजन कर अपने बच्चों को पर्याप्त समय दे सकते हैं और अपने बच्चों का लालन-पालन बेहतरीन ढंग से कर सकते हैं।

Answered by Anonymous
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नौकरीपेशा अभिभावक

अपने बच्चों का पालन-पोषण अच्छे तरीके से नहीं कर पाते , इसका सबसे बड़ा कारण है। उनके पास अपने बच्चों के लिए समय नहीं निकाल पाना। वह अपने काम में इतना खोए हुए रहते हैं और इतना व्यस्त रहते हैं कि वह अपने बच्चों के तरफ ध्यान नहीं दे पाते।

वह सुबह उठते हैं, नाश्ता करते हैं, अपना लंच लेते हैं और आपने ड्यूटी पर चले जाते हैं। जिससे उनका पूरा दिन उनके काम में ही चला जाता है और वह घर आते हैं । थोड़ा सा समय बच्चों को देते हैं । उस थोड़े से समय में बच्चे उनसे ज्यादा घुल मिल नहीं पाते । जिससे उन दोनों में दूरियां पैदा होती है और बच्चा अपने माता पिता के बातों को अनसुना करता है। आगे चलकर वह बच्चे माता पिता के बातों को इग्नोर करते हैं।

नौकरी पेशा अभिभावक अपने बच्चों का पालन-पोषण नहीं कर पाते । यह इस प्रकृति का आज के समय में सबसे बड़ी समस्या है। जिसके कारण बच्चे बिगड़ते जा रहे हैं।

अगर उनका पालन-पोषण अच्छे तरीके से ना हो तो वह आगे चलकर बुरी प्रवृत्ति के लोगों के साथ रहना आरंभ कर देंगे। जिससे उनका बुरा व्यवहार सबके सामने आएगा। वह किसी से अच्छे से पेश नहीं आएंगे। यह सबसे बड़ी समस्या है।

यही बच्चे आगे चलकर अपने माता-पिता की ओर ध्यान नहीं देते हैं और उनके बूढ़े हो जाने पर उन्हें वृद्धाश्रम छोड़ जाते हैं।

अभिभावक का सबसे पहला कर्तव्य होता है कि वह अपने बच्चों का सही से पालन पोषण करें और उन्हें अच्छे संस्कार दें । जिससे उनका जीवन प्रकाश में हो जाए और उनको कभी भी आगे चलकर दिक्कतें ना उठानी पड़े।

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