Hindi, asked by krishankantsharma895, 2 months ago

नवाब साहब के खीरे खाने का वर्णन विस्तार से बताएं

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Answered by niyateemahida160
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नवाब साहब ने बहुत नजाकत और सलीके से खीरा काटा, उन पर नमक-मिर्च लगाया। उन नमक-मिर्च लगी खीरे की फाँकों को खाया नहीं अपितु सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया था। उनकी इस हरकत का यह कारण होगा कि वे एक नवाब थे, जो दूसरों के सामने खीरे जैसी आम खाद्‌य वस्तु खाने में शर्म भव करते थे।

Answered by dikshapatil2505
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Explanation:

नवाब साहब पैसेंजर ट्रेन के सेकंड क्लास के डिब्बों में आराम से बैठे थे। उनके सामने साफ़ तौलिए पर दो चिकने खीरे रखे थे। नवाब साहब ने सीट के नीचे से लोटा निकाला और खिड़की से बाहर खीरों को धोया। उन्होंने खीरों के सिरे काटे, गोदकर उनका झाग निकाला और खीरे छीलकर फाँकें बनाईं। उन पर नमक-मिर्च का चूर्ण बुरका। जब फाँकें पनियाने लगीं तो उन्होंने एक फाँक उठाई, मुँह तक ले गए सँघा और खिड़की से बाहर फेंक दिया। ऐसा करते हुए उन्होंने सभी फाँकें फेंककर डकारें लीं।

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