Hindi, asked by prajnishkumar96, 2 months ago

नव वर्ष पर आपकी उम्मीदें और प्रतिज्ञा पर 250 शब्दों का एक लेख लिखिए।
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Answered by Anonymous
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नव वर्ष भारत में ग्रेगोरी कैलेण्डर के अनुसार 1 जनवरी को माना जाता है। यह दिन विश्व में हर किसी व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर से भरा होता है। भारत के साथ-साथ विश्व के सभी देश नए साल के शुरुवात पर जश्न मनाते हैं और अपने प्रियजनों के साथ मिल कर इस दिन का मज़ा उठाते हैं।

लोग इस दिन गाना गाते हैं, नाचते हैं, तरह-तरह के खेल खेलते हैं, पार्टियों में जाते हैं, फ़िल्में देखने जाते हैं। शहर से लेकर गाँव तक सभी जगह लोग पिकनिक मनाने जाते हैं। 31 दिसम्बर की रात के 12 बजे, नए साल से एक दिन पहले लोग जश्न मनाते हैं खूब सारे पटाखे भी फोड़ते हैं। लोग इस दिन की शाम को न्यू ईयर ईव बोलते हैं।

नए साल के प्रथम दिन लोग एक दुसरे को नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हैं और कुछ लोग ग्रीटिंग कार्ट देते हैं, गिफ्ट देते हैं और साथ मिल कर पार्क में घूमने भी जाते हैं। इस दिन टेलीविज़न पर मीडिया चैनल वाले भी लोगों के द्वारा आयोजित तरह-तरह के प्रोग्रामों को टीवी पर टेलीकास्ट करते हैं। इस दिन हर कोई व्यक्ति जीवन में एक नई और अच्छी शुरुवात करने की सोचते हैं।बड़े-बड़े शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर और चेन्नई में बड़े लाइव कॉन्सर्ट किये जाते हैं जिनमें बॉलीवुड के सितारे और मशहूर लोग एकत्र होते हैं और कार्यक्रम में भाग लेते हैं। हजारों की तागाद में लोग उनके इन समारोह को देखने के लिए आते हैं। कुछ लोग अपने परिवार, मित्रों के साथ घर में मिलकर पार्टी मनाते हैं तो कुछ लोग बाहर घूमने जाते हैं।

यह सब समारोह बस इसलिए होते हैं ताकि हम बीते हुए साल को हँसते-हँसते विदा कर सकें और हँसते-हँसते ढेर सारी खुशियों, उमंगो और नयी आशाओं के साथ नए वर्ष का स्वागत कर सकें।

भारत में ग्रेगोरियन कैलंडर के 1 जनवरी को सभी सरकारी दफ्तर, व्यापार खुले रहते हैं और सभी परिवहन की सुविधा उपलब्ध होती है। ऐसे समय में ज्यादातर मेट्रो शहर में सुरक्षा के पैमानों को बढ़ा दिया जाता है क्योंकि ऐसे समय में ज्यादा भीड़ के कारण बहुत सारी दुर्घटनाएं होने की सम्भावना होती है।

नए वर्ष के आगमन के दिनों में गोवा जैसे स्थानों में विश्व भर से पर्यटक आते हैं ऐसे में सुरक्षा की जरूरत बहुत ज्यादा होती है। परंतु हाल ही में हुए कोरोना वायरस इन्फेक्शन (COVID19) के बाद पर्यटन और पार्टी में कई हद तक रोक लगाई गई गई है।

परंतु हाल ही में अब कोरोना के वैक्सीन के आने के बाद नाव वर्ष में फिर से खुशियां लौट आएंगी और हम सब उत्साह के साथ नव वर्ष का जश्न मनाएंगे।

परंपरागत रूप से नए वर्ष को 1 मार्च को मनाया जाता है पर अधिक धार्मिक महत्व होने के कारण 1 जनवरी को इसका जश्न मनाया जाता है। भारत में पश्चिमी सभ्यता के बढ़ते चलन के कारण नव वर्ष का दिन 1 जनवरी, भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण उत्सव का दिन माना जाता है।

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