नवद्यालय में आयोनित स्वच्छता काययक्रम के बारे बताते हुए अपिे नपता िी को पत्र नलनखए|
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भूमिका- प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में साफ सफाई का बहुत महत्व है। हमारे आस पास का वातावरण स्वच्छ और साफ सुथरा होना चाहिए। विद्यार्थी जीवन में हम अपना अधिकतर समय स्कूल में ही व्यतीत करते हैं इसलिए हमारा विद्यालय का स्वच्छ होना बहुत ही आवश्यक है। यदि हमारा विद्यालय स्वच्छ नहीं होगा तो हम रोगों से ग्रस्त हो जाऐंगे जिनका इलाज भी संभव नहीं है। स्वच्छ विद्यालय के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री इरानी स्मृति ने 25 सितंबर, 2014 को स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान का उद्घाटन किया था।
स्वच्छ विद्यालय के लाभ- स्वच्छ विद्यालय में पढ़ते समय मन भी लगता है और विद्यार्थी स्वस्थ रहता है। विद्यालय में साफ सफाई रहती है और विद्यालय दिखने में भी सुंदर लगता है। विद्यालय के शिक्षक और बच्चे खुशहाल रहते हैं।
विद्याल को स्वच्छ रखने को तरीके- विद्यालय को स्वच्छ रखने के लिए शिक्षक और विद्यार्थी समान रूप से भागीदारी दिखा सकते है जिसके लिए निम्नलिखित कार्य किए जा सकते हैं-
1. विद्यार्थी को कूड़ा खुले में नहीं डालना चाहिए बल्कि उन्हें कूड़ेदान में ही डालना चाहिए।
2. प्रत्येक कक्षा के बाहर छोटे छोटे कूड़ेदान रखे होने चाहिए।
3. स्कूल के मैदान की सफाई प्रतिदिन होनी चाहिए क्योंकि बच्चे वहीं पर खेलते हैं।
4. पानी की टंकी की प्रतिमाह सफाई होनी चाहिए और स्कूल में आने वाले पानी की समय समय पर जाँच होनी चाहिए।
5. विद्यार्थियों को अपनी और अपनी वर्दी की नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए।
6. बच्चों को साफ सफाई के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।
7. समय समय पर स्कूल में साफ सफाई संबंधी प्रतियोगिताएँ करवाई जानी चाहिए।
8. शौचालयों तो नियमित रूप से सफाई की जानी चाहिए।
निष्कर्ष- स्वच्छ विद्यालय बच्चों के उज्जवल भविष्य देने में सहायक है जिसमें विद्यार्थी शारीरीक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है और रोगों से मुक्त रहता है। स्वच्छ विद्यालय बनाने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए और अभिभावकों भी स्कूल की स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए। स्वच्छ विद्यालय केवल स्कूल की साफ सफाई से नहीं बनता बल्कि स्वच्छ विद्यालय में विद्यार्थी, शिक्षक और कर्मचारी आदि भी स्वच्छ होने चाहिए और उन्हें नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए। मोदी जी के द्वारा भी स्वच्छ भारत अभियान चलाया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य पूरे भारत को स्वच्छ बनाना है। बच्चों को बचपन से ही स्वच्छता की आदत डालनी चाहिए और उन्हें गंदगी से होने वाली बिमारियों के विषय में बताना चाहिए। स्वच्छ विद्यालय हर विद्यार्थी की आवश्यकता है।