नवयुग ने यूरोप में कला, साहित्य तथा विज्ञान के विकास को केसे प्रभावित किया है
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नवयुग में यूरोप में कला, साहित्य तथा विज्ञान का विकास
यूरोप में पंद्रहवीं शताब्दी के अंत तथा सोलहवीं शताब्दी के आरंभ में एक नये युग का सुत्रपात हुआ जिसे ‘नवयुग’ कहा जाता है। इस काल में यूरोप न केवल पुराने ज्ञान और परंपराओं का उद्धार हुआ बल्कि कला, साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में भी नये-नये प्रगति और प्रयोग हुये।
ये यूरोप में पुनर्जागरण का काल था जिसमें यूरोप मध्ययुगीन संकीर्ण विचारधारा से निकलकर नये व आधुनिक युग में प्रवेश कर रहा था। जिसे हम नवयुग से जानते हैं। इस काल में यूरोप ने रह क्षेत्र में उन्नति की। पुरानी संकीर्णवादी सोच को छोड़करा स्वयं को कर नये नये अनुसंधान, खोजों, नवीनतम विचारों से लैस किया। स्वयं बौद्धिक रूप से समृद्ध किया।
इस कला, साहित्य व विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई।
कला — चित्रकला, स्थापत्य कला, मूर्तिकला आदि नवयुग भरपूर विकास हुआ। नई शैली के चित्रकारों का उदय हुआ। चित्रकारी केवल धार्मिक चित्रकारी की बेड़ियों से निकलकर हर विषय पर चित्रकारी करने लगे। जियेटो, लियोनादो, माइकल एंजेलो इस काल के प्रमुख चित्रकारों में से एक थे। स्थापत्य कला का विकास भी अपने चरम पर था और पुरानी शैली के भवनों की जगह नयी शैली के भवनों ने ले ली थी। अनेक आधुनिक शैली के भवनों का निर्माण आरंभ हुआ। स्थापत्य कला के समान ही मूर्तिकला का विकास भी सम्वेत हुआ था। गिबेर्तो इस काल का महान मूर्तिकार था।
साहित्य — साहित्य के क्षेत्र में भी आधुनिकता का समावेश आरंभ हो गया था। नवयुग में साहित्य में प्रगति का आरंभ इटली से हुआ और वहां से ये पूरे यूरोप में फैल गया। साहित्यकार रूढिवादी विचारधारा से हटकर प्रगतिशील सोच वाले साहित्य की रचना करने लगे थे। मालो, क्रसोलोरस, रोजर बेकन, मेकियावली आदि अनेक साहित्यकार हुये। जिन्होंने आधुनिक साहित्य की रचना की।
विज्ञान — इस काल में विज्ञान के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व प्रगति हुई। नयी नयी खोजें की गयीं। नये सिद्धांतो का प्रतिपादन हुआ और अनेक आविष्कार हुये। सर आइजैक न्यूटन, कोपेरनिकस, गैलीलियो, डकाते, विलियम हार्वे, पैरसेल्सस, हैमलेट आदि महान वैज्ञानिक इसी काल में हुये।
इस प्रकार नवयुग काल ने यूरोप में कला, साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हूई और यूरोप आज के आधुनिक यूरोप के निर्माण को ओर बढ़ चला।