Hindi, asked by Shimpygouri, 8 months ago

ncert class 9th hindi kshitij chapter 6 extra questions plz tell me​

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Answered by Anonymous
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प्रश्न 8.

आपकी दृष्टि में वेश-भूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है?

उत्तर-

वेशभूषा के प्रति लोगों की सोच में बहुत बदलाव आया है। लोग वेशभूषा को सामाजिक प्रतिष्ठा का सूचक मानने लगे हैं। लोग उस व्यक्ति को ज्यादा मान-सम्मान और आदर देने लगे हैं जिसकी वेशभूषा अच्छी होती है। वेशभूषा से ही व्यक्ति का दूसरों पर पहला पड़ता है। हमारे विचारों का प्रभाव तो बाद में पड़ता है। आज किसी अच्छी-सी पार्टी में कोई धोतीकुरता पहनकर जाए तो उसे पिछड़ा समझा जाता है। इसी प्रकार कार्यालयों के कर्मचारी गण हमारी वेशभूषा के अनुरूप व्यवहार करते हैं। यही कारण है कि लोगों विशेषकर युवाओं में आधुनिक बनने की होड़ लगी है।

भाषा अध्ययन

प्रश्न 9.

पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर-

हौसला पस्त करना – उत्साह नष्ट करना।

वाक्य – अनिल कुंबले की फिरकी गेंदों ने श्रीलंका के खिलाड़ियों के हौसले पस्त कर दिए।

ठोकर मारना – चोट करना।

वाक्य – प्रेमचंद ने राह के संकटों पर खूब ठोकरें मारी।

टीला खड़ा होना – बाधाएँ आना।।

वाक्य – जीवन जीना सरल नहीं है। यहाँ पग-पग पर टीले खड़े हैं।

पहाड़ फोड़ना – बाधाएँ नष्ट करना।

वाक्य – प्रेमचंद उन संघर्षशील लेखकों में से थे जिन्होंने पहाड़ फोड़ना सीखा था, बचना नहीं।

जंजीर होना – बंधन होना।

वाक्य – स्वतंत्रता से जीने वाले पथ की सब जंजीरें तोड़कर आगे बढ़ते हैं।

प्रश्न 10.

प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का उपयोग किया है उनकी सूची बनाइए।

उत्तर-

प्रेमचंद का व्यक्तित्व उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का प्रयोग किया है, वे हैं-

जनता के लेखक

महान कथाकार

साहित्यिक पुरखे

युग प्रवर्तक

उपन्यास-सम्राट

पाठेतर सक्रियता

प्रश्न 11.

महात्मा गांधी भी अपनी वेशभूषा के प्रति एक अलग सोच रखते थे, इसके पीछे क्या कारण रहे होंगे, पता लगाइए।

उत्तर-

छात्र महात्मा गांधी की जीवनी पढ़कर स्वयं पता लगाएँ।

प्रश्न 12.

महादेवी वर्मा ने ‘राजेंद्र बाबू’ नामक संस्मरण में पूर्व राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद का कुछ इसी प्रकार चित्रण किया गया है, उसे पढ़िए।

उत्तर-

छात्र ‘राजेंद्र बाबू’ संस्मरण पुस्तकालय से लेकर पढ़ें।

प्रश्न 13.

अमृतराय लिखित प्रेमचंद की जीवनी ‘प्रेमचंद-कलम का सिपाही’ पुस्तक पढिए।

उत्तर-

छात्र प्रेमचंद की जीवनी स्वयं पढ़ें।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.

लेखक की दृष्टि प्रेमचंद के जूते पर क्यों अटक गई?

उत्तर-

लेखक ने देखा कि प्रेमचंद ने जिस जूते को पहनकर फ़ोटो खिंचाया है, उसमें बड़ा-सा छेद हो गया है। इसमें से प्रेमचंद की अँगुली बाहर निकल आई है। प्रेमचंद ने इस फटे जूते को ढंकने का प्रयास भी नहीं किया।

प्रश्न 2.

फ़ोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी? के आधार पर प्रेमचंद की वेश-भूषा के बारे में लिखिए।

उत्तर-

प्रेमचंद ने मोटे कपड़े का कुरता-धोती पहन रखा था। उनके सिर पर वैसी ही टोपी थी। उनके फटे जूते से अँगुली दिख रही थी। ऐसी ही अत्यंत साधारण वेश-भूषा में उन्होंने फ़ोटो खिंचा रखा था।

प्रश्न 3.

प्रेमचंद ने अपने फटे जूते को ढंकने का प्रयास क्यों नहीं किया होगा?

उत्तर-

प्रेमचंद दिखावा एवं आडंबर से दूर रहने वाले व्यक्ति थे। उन्हें सादगीपूर्ण जीवन पसंद था। वे जैसा वास्तव में थे, वैसा ही दिखना चाहते थे, इसलिए प्रेमचंद ने अपने फटे जूते को छिपाने का प्रयास नहीं किया गया।

प्रश्न 4.

प्रेमचंद के चेहरे पर कैसी मुसकान थी और क्यों?

उत्तर-

प्रेमचंद के चेहरे पर अधूरी मुसकान थी। इसका कारण यह था कि प्रेमचंद महान साहित्यकार होकर भी अभावग्रस्त जिंदगी जी रहे थे। अभावों से उनकी मुसकान खो सी गई थी। फ़ोटोग्राफ़र के कहने पर भी वे ठीक से जल्दी से मुसकरा न पाए और मुसकान अधूरी रह गई।

प्रश्न 5.

‘मगर यह कितनी बड़ी ट्रेजडी है’, लेखिका ने ऐसा किस संदर्भ में कहा है?

उत्तर-

लेखक ने देखा कि ‘युग प्रवर्तक’, ‘उपन्यास सम्राट’ जैसे भारी भरकम विशेषणों से विभूषित साहित्यकार के पास फ़ोटो खिंचाने के लिए भी अच्छे जूते नहीं होने को बड़ी ‘ट्रेजडी’ कहा है। उसने महान साहित्यकार की अभावग्रस्तता के संदर्भ में ऐसा कहा है।

प्रश्न 6.

‘जूता हमेशा कीमती रहा है’-ऐसा कहकर लेखक ने समाज की किस विसंगति पर प्रकाश डाला है?

उत्तर-

जूता ‘धन और बल’ का प्रतीक है। जूता समाज में सदा से ही आदर पाता आया है। अर्थात् गुणवान व्यक्तियों को भी धनवानों के सामने कमतर आंका गया है। धनवानों ने ज्ञानी व्यक्तियों को भी झुकने पर विवश किया है। यह समाज की विसंगति ही है।

प्रश्न 7.

लेखक अपने जूते को अच्छा नहीं मानता वह अच्छा दिखता है, क्यों?

उत्तर-

लेखक का जूता ऊपर से अच्छा दिखता है पर अँगूठे के नीचे तला फट गया है। उसका अँगूठा जमीन से रगड़ खाता है। और पैनी मिट्टी से रगड़कर लहूलुहान हो जाता है। ऐसे तो एक दिन पंजा ही छिल जाएगा इसलिए वह अपने जूते को अच्छा नहीं मानता है।

प्रश्न 8.

प्रेमचंद का जूता फटने के प्रति लेखक ने क्या-क्या आशंका प्रकट की है?

उत्तर-

प्रेमचंद का जूता फटने के प्रति लेखक ने दो आशंकाएँ प्रकट की हैं-

बनिए के तगादे से बचने के लिए मील-दो मील का चक्कर प्रतिदिन लगाकर घर पहुँचना।

सदियों से परत दर परत जमी किसी चीज़ पर ढोकर मार-मारकर जूता फाड़ लेना।

Answered by karnveer4612
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