need answer for 2 and 3 question
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2) कांटे और फूल के माध्यम से कवि ने यह संदेश दिया है की सबके अंदर कई प्रकार की द्वेष हैं परंतु उन द्वेष और मंद स्वभाव को त्याग करके हमारे अंदर की अच्छी गुणो को बिकशीत करना चाहिए। हमारे बड़पन् को दिखाना यानिकी पेश करना चाहिए। हम प्रकृति से जुड़े हुए है और हमे प्रकृति की हर द्वेष को भी सहना चाहिए।
3) उपर्युक्त पंक्तियों में कुल गोत्र अथवा अपने चरित्र और स्वभाव में स्वभाव को ज्यादा महत्व दिया है। कवि ने कहा है की "कुल की बड़ाई " यानिकी चरित्र की बड़ाई अथवा चरित्र की महानता तब दिखाई देगी जब अपने अंदर बड़पन हो यनिकी अपनी स्वभाव में बड़पन हो। इसप्रकार कब ने स्वभाव को अधिक महत्व दिया है।
Hope this helps. Thanks.
3) उपर्युक्त पंक्तियों में कुल गोत्र अथवा अपने चरित्र और स्वभाव में स्वभाव को ज्यादा महत्व दिया है। कवि ने कहा है की "कुल की बड़ाई " यानिकी चरित्र की बड़ाई अथवा चरित्र की महानता तब दिखाई देगी जब अपने अंदर बड़पन हो यनिकी अपनी स्वभाव में बड़पन हो। इसप्रकार कब ने स्वभाव को अधिक महत्व दिया है।
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nans2:
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