Niband on jansankya vispot
Answers
Answered by
1
हमारा देश इस समय कई समस्याओं से जूझ रहा है। अगर गौर करें तो पायेंगे कि जनसंख्या में वृद्धि इन सभी समस्याओं का मूल कारण है। बेरोजगारी हो या भ्रष्टाचार, अराजकता हो या आतंकवाद, निरक्षरता हो या फिर सामाजिक समस्यायें- जनसंख्या कम होने पर यह स्वमेव हल हो जायेंगी।
भारत की जनसंख्या में तीव्रता से वृद्धि होने के कारण आज हमारा देश एक अरब के आंकड़े को पार कर गया है। विश्व में चीन के बाद भारत जनसंख्या के आधार पर दूसरे स्थान पर है।
जनसंख्या में होने वाली इस बेहिसाब वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। हमारे यहाँ शिक्षा का अभाव है। लोग अज्ञानतावश परिवार नियोजन का महत्व नहीं समझ पाते। आज चिकित्सा तथा स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार सुधार हुआ है एवं शिशु मृत्यदर में कमी आयी है। उससे भी जनसंख्या में वृद्धि हुई है। भारत में विवाह छोटी आयु में होते हैं। यहाँ की जलवायु गर्म है व प्रजनन के अनुकूल हैं। हमारे यहाँ विवाह करना भी जरूरी समझा जाता है। परिवार में लड़का होना जरूरी समझने के कारण लड़कियों की लाइन लगा दी जाती है। इन सभी कारणों से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है।
जनसंख्या वृद्धि के कारण आज स्वतंत्रता प्राप्ति के 50 दशक के बाद भी भारत की 40 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे है। उन्नति एवं देश के विकास का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा। निरक्षरता एवं कुपोषण की समस्या से छुटकारा नहीं मिल राह। भुखमरी, निर्धनता, बेकारी, भिक्षावृत्ति तथा अन्य सामाजिक व आर्थिक बुराईयों से छुटकारा तभी मिलेगा जब हम अपनी जनसंख्या पर नियंत्रण रखेंगे, अन्यथा हम विकास एवं प्रगति से होने वाले लाभों से वंचित रह जायेंगे।
जनसंख्या पर नियंत्रण के लिये परिवार नियोजन के कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार करना होगा, उन्हें लोकप्रिय बनाना होगा, जनसाधारण में लड़के का मोह हटाना होगा और आम जनता को शिक्षित बनाना होगा। सरकार को कम संतान उत्पन्न करने वाले दम्पतियों को सम्मानित करना चाहिए या कोई पुरस्कार देना चाहिए जिससे लोग प्रोत्साहित होकर संतान उत्पत्ति में कमी लाएँ।
जनसंख्या नियंत्रण के लिये सरकार के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं और आम जनता को पूर्ण सहयोग देना चाहिये।
भारत की जनसंख्या में तीव्रता से वृद्धि होने के कारण आज हमारा देश एक अरब के आंकड़े को पार कर गया है। विश्व में चीन के बाद भारत जनसंख्या के आधार पर दूसरे स्थान पर है।
जनसंख्या में होने वाली इस बेहिसाब वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। हमारे यहाँ शिक्षा का अभाव है। लोग अज्ञानतावश परिवार नियोजन का महत्व नहीं समझ पाते। आज चिकित्सा तथा स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार सुधार हुआ है एवं शिशु मृत्यदर में कमी आयी है। उससे भी जनसंख्या में वृद्धि हुई है। भारत में विवाह छोटी आयु में होते हैं। यहाँ की जलवायु गर्म है व प्रजनन के अनुकूल हैं। हमारे यहाँ विवाह करना भी जरूरी समझा जाता है। परिवार में लड़का होना जरूरी समझने के कारण लड़कियों की लाइन लगा दी जाती है। इन सभी कारणों से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है।
जनसंख्या वृद्धि के कारण आज स्वतंत्रता प्राप्ति के 50 दशक के बाद भी भारत की 40 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे है। उन्नति एवं देश के विकास का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा। निरक्षरता एवं कुपोषण की समस्या से छुटकारा नहीं मिल राह। भुखमरी, निर्धनता, बेकारी, भिक्षावृत्ति तथा अन्य सामाजिक व आर्थिक बुराईयों से छुटकारा तभी मिलेगा जब हम अपनी जनसंख्या पर नियंत्रण रखेंगे, अन्यथा हम विकास एवं प्रगति से होने वाले लाभों से वंचित रह जायेंगे।
जनसंख्या पर नियंत्रण के लिये परिवार नियोजन के कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार करना होगा, उन्हें लोकप्रिय बनाना होगा, जनसाधारण में लड़के का मोह हटाना होगा और आम जनता को शिक्षित बनाना होगा। सरकार को कम संतान उत्पन्न करने वाले दम्पतियों को सम्मानित करना चाहिए या कोई पुरस्कार देना चाहिए जिससे लोग प्रोत्साहित होकर संतान उत्पत्ति में कमी लाएँ।
जनसंख्या नियंत्रण के लिये सरकार के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं और आम जनता को पूर्ण सहयोग देना चाहिये।
Answered by
0
भारत में जनसंख्या भयावह दर से बढ़ रही है। भारत की यह बढ़ती हुई जनसंख्या चिंता का विषय बन गई है क्योंकि हम प्रत्येक वर्ष एक करोड़ से अधिक व्यक्ति अपने पहले से ही बहुत बड़ी जनसंख्या में जोड़ देते हैं। बढ़ती हुई जनसंख्या ने स्थान की समस्या उत्पन्न कर दी है। आवास की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। सड़कों पर भीड़ रहती है और ट्रैफिक जाम रहते हैं। ट्रेनों और बसों में इस कदर अत्यधिक भीड़ रहती है की यात्रा अपने में ही वास्तव में एक साहसी कार्य बन गई है। शैक्षिक संस्थाएं प्रवेश की समस्या का सामना कर रही हैं। एक समन्वित रणनीति के अभाव में शिक्षा का स्तर इतनी तीव्र गति से गिर रहा है कि अब कोई उत्तर ही नहीं रहा। यदि जनसंख्या वर्तमान भयावह दर से बढ़ती रहे तो हमारे सभी विकास के प्रयास निरर्थक हो जाएंगे¸ निर्धनों को कोई राहत नहीं पहुंचा सकेंगे और जीवन के रहन-सहन के स्तर में कोई पर्याप्त प्रगति नहीं हो पाएगी। आज हमारी आबादी सवा अरब पहुंच चुकी है अगले 20 वर्षों में अनुमान है कि जनसंख्या 150 करोड़ से अधिक हो जाएगी। यह वह आंकड़ा है जिसे सोचकर भी मन में डर समा जाता है। अगर इस ओर कुछ कदम शीघ्र ही न उठाए गए तो हमारा देश बुरी तरह से आर्थिक परिप्रेक्ष्य में पिछड़ जाएगा और चारों तरफ भूखमरी¸ अकाल और बेरोजगारी छा जाएगी। यह बर्बादी परमाणु बमों से होने वाली बर्बादी से भी अधिक भयावह होगी।
भारत की बढ़ती जनसंख्या के बहुत से कारण है। प्रथम- भारत एक गर्म देश है जहां पर लड़कियां जल्दी उम्र में ही परिपक्वता को प्राप्त कर लेती हैं और दम्पत्तियों में जनन अवधि अन्य देशों की अपेक्षा यहां अधिक है। द्वितीय- बड़े परिवार की स्थिति के लिए बाल विवाह की प्रथा ने काफी योगदान किया है। निर्धनता भी भारत की बड़ी जनसंख्या के लिए एक मुख्य कारण है। गरीब दंपत्तियों के जीवनों में सेक्स के अतिरिक्त मनोरंजन का अन्य कोई साधन नहीं है। इसका नतीजा होता है परिवार में बच्चों की अधिक संख्या होना इसके अतिरिक्त हमारी अज्ञानी जनता बड़े परिवारों को दायित्व के स्थान पर संपत्ति समझती है क्योंकि परिवार में अतिरिक्त बच्चे होने का अर्थ है- परिवार की आय में अतिरिक्त वृद्धि होना। पिछले दशकों में गिरती हुई मृत्यु दर ने भी जनसंख्या बढ़ोतरी में योगदान किया है। बड़े पैमाने पर विदेशों से लोगों का भारत आना और यहां पर आकर बस जाना यह भी बढ़ती हुई जनसंख्या का एक कारण रहा है। प्राचीन भारत में आक्रामकों के झुंड के झुंड भारत में घुस आए और यहां आकर बस गए। मंगोलिया¸ चीन और अरब के देशों से भारत में बहुत बड़ी संख्या में मुसलमानों का आना हुआ। यह लोग आक्रमणकारियों के साथ आए और यहां आकर बस गए। हाल ही में हमको बांग्लादेश¸ म्यांमार¸ श्रीलंका और अफ्रीका के कुछ देशों से बड़ी संख्या में विदेशी लोगों का आना देखने को मिला है। कुछ पिछले समय से कुछ राजनीतिक कारणों से जनसंख्या के कुछ वर्ग अपने परिवारों का आकार सीमित करने से कतराते रहे हैं क्योंकि लोकतंत्र में जनसंख्या का बहुत महत्व है¸ मुस्लिम और अनुचित जाति जनजाति के लोग परिवार नियोजन नहीं अपनाते हैं क्योंकि वे समग्र जनसंख्या में अपने समुदाय की संख्या का प्रतिशत बढ़ाना चाहते हैं। इसलिए हम को आश्चर्य नहीं है कि हिंदुओं की तुलना में मुसलमानों की जनसंख्या में अधिक तीव्र गति से वृद्धि हुई है। प्रत्येक दंपत्ति में परिवार के लिए बालक शिशु के लिए उत्कट इच्छा भी परिवार के बड़ा होने में एक महत्वपूर्ण कारक है। संतान उत्पत्ति जब तक बंद नहीं करेंगे जब तक कि लड़के का जन्म ना हो जाए। इन सभी कारणों से हमारी जनसंख्या में वृद्धि हुई है¸ इतनी कि हम यह सोचकर कांप जाते हैं कि यदि जनसंख्या वृद्धि को उचित नियंत्रण में नहीं लाया गया तो लगभग अगले 25 वर्ष में क्या दशा होगी?
अतः हमको जनसंख्या नियंत्रण के कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। सबसे पहली आवश्यकता है हमारी समस्त जनसंख्या को शिक्षा उपलब्ध कराना। शिक्षा के द्वारा बड़े परिवारों के विषय में रूढ़िवादी विचारों को बदलना चाहिए। हमें अपनी जनता के रहन-सहन के स्तर को ऊँचा उठान है। रहन-सहन का स्तर और परिवार का कार साथ-साथ चलतेहैं। परिवार कल्याण कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से चलाया जाना चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण के सभी उपायों को प्रचारित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। प्रोत्साहन के अतिरिक्त जो दंपत्तियों को परिवार नियोजन करने पर प्रदान किए जाते हैं कुछ निरुत्साह करने के तरीकों की भी उतनी ही आवश्यकता है। हमारे समझ चीन एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। ‘एक परिवार एक बच्चे’ के आदर्श पर सख्ती से चलकर वे जनसंख्या के प्रत्येक वर्ष होने वाली बढ़ोतरी के प्रतिशत को पर्याप्त रूप से घटाने में सफल रहे हैं। हमारे समक्ष चीन के उदाहरण पर अमल करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है कि परिवार नियोजन कार्यक्रम की परंपरा¸ धर्म आदि के आधार पर जनसंख्या के विभिन्न वर्गों में बिना भेदभाव किए यह कठोरता से लागू करें। हमारे लिए परिणाम बहुत भयावह होंगे यदि जनसंख्या वर्तमान गति से बढ़ती रही। हमको सरकार के साथ उसके जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को सफल बनाने के लिए सहयोग प्रदान करना चाहि।ए सरकार के प्रत्येक विभाग को परिवार नियोजन को अपनी प्राथमिकताओं के शीर्ष पर रखना चाहिए। सरकार के प्रत्येक विभाग को प्रत्येक योजना में परिवार नियोजन के लिए रखे गए काफी मात्रा की धनराशि के अब परिणाम निकलने चाहिए और आने वाले वर्षों में जनसंख्या वृद्धि के प्रतिशत में पर्याप्त कमी आनी चाहिए।
भारतीय संसद ने भ्रूण परीक्षण को अगस्त 1994 के विधेयक के द्वारा गैर कानूनी और अपराधिक करार दे दिया है। इसको उसने चिकित्सीय संस्तुति मामलों में ही अनुमति दी है। यह कदम भारत के उन लोगों पर प्रतिबंध लगाने के लिए लाया गया है जिनकी वैज्ञानिक तरीकों का दुरुपयोग करने की प्रवृत्ति होती है। कुछ भी हो जनसंख्या पर नियंत्रण आवश्यक है।
Similar questions