niband on samajeek sukarchha
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श्रम कल्याण का एक मुख्य संघटक है। श्रम कल्याण का अभिप्राय ऐसी सभी सेवाओं, सुखसाधन और सुविधाओं से है जो कर्मचारियों को दी जाती हैं जो उनकी कार्यपरिस्थितियों में सुधार लाती तथा जीवन स्तर बेहतर बनाती हैं। उद्यम द्वारा दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा को न केवल अपने कर्मचारियों की रक्षा करनी चाहिए अपितु यह स्वास्थ्य देखभाल सहित उनके परिवारों की भी रक्षा करता है। सामाजिक सुरक्षा में यह परिकल्पना की जाती है कि कर्मचारियों को सभी प्रकार के सामाजिक जोखिमों से रक्षा की जाएगी जो उनकी बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति में अनावश्यक मुश्किलें उत्पन्न करती हैं।
भारत में, कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था का औद्योगिक ढांचा में महत्वपूर्ण स्थान है। यह राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के अधीन हमारे संविधान में शामिल किया गया है। यह इस तरह से अपने कामगारों की रक्षा और सहायता के लिए उपयुक्त प्रणाली विकसित करने हेतु 'राज्य' को मुख्य रूप से जिम्मेदार बनाता है। इसलिए श्रम तथा रोजगार मंत्रालय के अधीन सामाजिक सुरक्षा प्रभात की स्थापना की गई है।
कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा पांच केन्द्रीय अधिनियमों के माध्यम से प्रदान की जाती है:- (i) कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948; (ii) कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952; (iii) कामगार क्षतिपूर्ति अधिनियम; (iv)मातृत्व लाभ अधिनियम; और (v) उपदान का भुगतान अधिनियम । इसके अतिरिक्त विशेष श्रेणी के कामगारों के लिए बड़ी संख्या में कल्याण निधियां हैं जैसाकि बीड़ी कामगार सिनेमा कामगार, निर्माण कामगार आदि।
भारत में, कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था का औद्योगिक ढांचा में महत्वपूर्ण स्थान है। यह राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के अधीन हमारे संविधान में शामिल किया गया है। यह इस तरह से अपने कामगारों की रक्षा और सहायता के लिए उपयुक्त प्रणाली विकसित करने हेतु 'राज्य' को मुख्य रूप से जिम्मेदार बनाता है। इसलिए श्रम तथा रोजगार मंत्रालय के अधीन सामाजिक सुरक्षा प्रभात की स्थापना की गई है।
कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा पांच केन्द्रीय अधिनियमों के माध्यम से प्रदान की जाती है:- (i) कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948; (ii) कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952; (iii) कामगार क्षतिपूर्ति अधिनियम; (iv)मातृत्व लाभ अधिनियम; और (v) उपदान का भुगतान अधिनियम । इसके अतिरिक्त विशेष श्रेणी के कामगारों के लिए बड़ी संख्या में कल्याण निधियां हैं जैसाकि बीड़ी कामगार सिनेमा कामगार, निर्माण कामगार आदि।
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