nibandh in Hindi pustak hamara pahla Guru hai
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abee Padhai likhai karo ias bano par nhi....
#LOL just kidding
पुस्तक ज्ञान का सागर होता है और इसे पढ़ने के बाद आपको कभी हीरा तो कभी मोती जैसे जवाहरात प्राप्त होते हैं। कई बार ये हमारे विषय होते हैं जैसे की विज्ञान, गणित, उपन्यास, साहित्य, आदि। ये आपके अवश्यकता के अनुसार आप कोई भी विषय चुन सकते हैं। जरुरी नहीं की ये आपके पाठ्य क्रम से संबंधित हों, कई बार लोग अपने ज्ञान को बढ़ाने हेतु विभिन्न पुस्तकें पढ़ते हैं।
पुस्तकों का महत्त्व और विकास
पुस्तक ज्ञान के साधन के साथ-साथ मनोरंजन का भी माध्यम होते हैं। कुछ पुस्तकें आपको हँसा सकती हैं, तो वहीँ कुछ अपनी रोचक कहानियों के साथ आपको रुला भी सकती हैं। जैसे की दुनिया में अलग-अलग क्षेत्र होते हैं वैसे ही पुस्तकें भी होती हैं। जैसे की डॉक्टरों के लिये अलग किताबें होती हैं और इंजीनियरिंग के लिये अलग।
आप चाहे जिस क्षेत्र में भी जाएँ वे पुस्तकें ही हैं जो आपके सच्चे साथी के रूप में हर जगह काम आयंगे। आज हम अपने इतिहास को पुस्तकों की वजह से ही जानते हैं। हम विकास कैसे करते हैं? इन पुस्तकों के माध्यम से, क्यों की जब हमे पता होगा की ‘अ’ और ‘ब’ को मिलाने से ‘अब’ बनता है तभी न हम आगे के वाक्य पर ध्यान देंगे। नहीं तो हर नए युग के साथ नयी भाषा की ही खोज करते रह जाते।
पुराने काल में लोग मौखिक ज्ञान लिया करते थे और सबसे पहले पत्तों पर लिखा गया जो धीरे-धीरे कागज में परिवर्तित हो गया। और उसी का परिवर्तित रूप का उपयोग आज हम पन्नों के रूप में लिखने एवं पढ़ने दोनों के लिये करते हैं। जो की पहले हस्तलिखित रूप में उपलब्ध थे, और धीरे-धीरे प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कार के बाद पुस्तकों का मुद्रण किया जाने लगा।
पुस्तक आपके सच्चे साथी
पुस्तक आपका साथ कभी नहीं छोड़ते, कई बार आपने स्वयं को अकेला पाया होगा और कभी-कभी ऐसे स्थिति में हमारे परम मित्र भी साथ नहीं होते, लेकिन पुस्तक सदैव आपके साथ होते हैं। उनके रहते न तो आपको अकेलापन महसूस होता है और न तो वे कभी आपको धोका देते हैं। कभी वे अपने मजेदार कहानियों के माध्यम से आपको गुदगुदाते हैं तो कभी कथानायक की पीड़ा आपके आँखों में आसूं ला देती है। एक बार अगर आपने पुस्तकों को अपने साथी के रूप में चुन लिया तो उसके बाद न तो कभी आपको अकेलापन सताता है और न ही किसी के समय अनुसार आपको समायोजित करना पड़ता है।
निष्कर्ष
इस प्रकार हम यह कह सकते हैं की पुस्तक आपके अच्छे साथी होते हैं, उनका विकास समय के अनुसार होता चला गया और दिन प्रति दिन नए-नए विकास होते चले जा रहे हैं जैसे की अब आप ऑनलाइन भी पुस्तक पढ़ सकते हैं, चाहे वो बच्चों का पञ्चतंत्र की कहानियां हो या अरस्तु का नाट्य शास्त्र। सब कुछ ऑनलाइन मिल जाते हैं और आप आराम से पढ़ सकते हैं। इनकी खासियत यह होती है की ये खराब नहीं होते और इन्हें आसानी से अपने फ़ोन में भी सुरक्षित रखा जा सकता है। इन्हें आप अपने साथ कही भी ले जा सकते हैं और इनका आनंद उठा सकते हैं।