Nibandh in hindi shiksha ke chhetr me khel ka mahatv
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पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब’ यह कहावत अब पुरानी ही चुकी है। अब तो खेलों को शिक्षा के बराबर महत्व दिया जाता है। व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में खेलकूद का अपना विशिष्ट महत्व है।
आज प्रतियोगिता का युग है। हर क्षेत्र में कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ता है। इस मुकाबले में खरा उतरने के लिये चाहिये तेज बुद्धि और कठारे परिश्रम! स्वास्थ्य अच्छा होने पर ही परिश्रम करना सम्भव है। यह तो सभी जानते हैं कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। जिस तरह जीने के लिये भोजन पानी की जरूरत है उसी तरह स्वस्थ रहने के लिये खेल एवं व्यायाम बहुत जरूरी है।
प्राचीन कला में जहाँ दंडबैठक, कुश्ती, तैराकी एवं योगासनों को महत्व दिया जाता था वहीं अब लोग क्रिकेट, टेनिस, फुटबाल, हाकी आदि खेलना पसंद करते हैं। शतरंज, बैडमिंटन, टेबिल टेनिस, कैरम इत्यादि खेल हर व्यक्ति अपनी रूचि के अनुसार खेल सकता है। कई खेल सुविधा अनुसार बाहर या अन्दर दोनों जगह खेले जा सकते हैं। बैडमिंटन, टेबिल टेनिस, जिमनास्टिक, तीरंदाजी, तैराकी और न जाने कितने प्रकार के खेल आज लोगों में लोकप्रिय हैं
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