Nibandh lekhan ki parampara aur vikas par nibandh 500 words class 10th in Hindi
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निबंध साहित्य की एक महत्वपूर्ण विधा है। जिसका उपयोग हम किसी विषय वस्तु के प्रतिपादन और उस विषय वस्तु का वर्णन करने के लिये करते हैं। इस वर्णन को करते समय तथ्यों की भी आवश्यकता होती है और निबंध में तथ्यों को प्रस्तुत करके उस विषय वस्तु का आकलन किया जाता है या उसका वर्णन किया जाता है। जबसे साहित्य का विकास हुआ है तबसे गद्यों के माध्यम से ही विचारों की अभिव्यक्ति की जाती रही है और निबंध गद्य की सबसे महत्वपूर्ण विधा है जो किसी विषय वस्तु को यह सुव्यवस्थित आकार देती है।
निबंध की अगर एक अन्य परिभाषा ले तो निबंध एक ऐसी साहित्यिक ललित गद्य रचना है इसमें लेखक किसी भाव या विचार अथवा विषय वस्तु का वर्णन करते हुए उसे सजीव शैली में प्रस्तुत करता है
निबंध एक लेख का विस्तृत और विवेचनात्मक रूप भी है। अनेक विषयों जैसे विज्ञान, गणित, उद्योग, व्यापार, इतिहास, भूगोल, साहित्य, राजनीति, संस्कृति, दर्शन आदि इन सब विषय पर व्यावहारिक शैली में जो लेख लिखा जाता है उसे हम निबंध कह सकते हैं लेकिन सारे लेख निबंध ही कहलाएं ऐसा नहीं है। क्योंकि निबंध विवेचनात्मक और व्यवस्थित होता है। निबंध की विषय-वस्तु तथ्यों से परिपूर्ण होती है।
निबंध के अनेक प्रकार हो सकते हैं ऐसे विचारात्मक निबंध, वर्णनात्मक निबंध या भावात्मक निबंध। निबंध के पांच प्रमुख तत्व निश्चित किए गए हैं। किसी अच्छे निबंध में इन तत्वों का होना आवश्यक माना गया है। जैसे प्रस्तावना, विषयवस्तु, कलात्मकता, संक्षिप्तता और उपसंहार।
निबंध के विकास के संबंध में अगर हम विवेचन करें तो निबंध आधुनिक युग की देन है। निबंध की कला एक तरह से पश्चात की देन है। क्योंकि प्राचीन भारतीय साहित्य में निबंध कैसा कोई भी संदर्भ प्रयुक्त नहीं होता है। हिंदी निबंध का विकास भारतेंदु युग से माना जाता है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल के समय में हिंदी साहित्य में निबंध अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया था। उसके बाद द्विवेदी युग आदि भी निबंध विधा के लिये अच्छे रहे।
निबंध का विकास अभी भी निरंतर जारी है लेकिन भारतीय और विशेषकर हिंदी निबंध में अभी वैसी व्यापकता नहीं आई है, जैसी कि अंग्रेजी के निबंधों में होती है हालांकि हिंदी के कई लेखकों ने निबंध विधा को एक नया आयाम दिया है लेकिन अभी भी इसमें निरंतर अनेक प्रयोग किए जाने बाकी हैं।