Hindi, asked by mahendrabagde6846, 10 months ago

Nibandh on Aatankwad-Ek chunauti plzzz its urgent........i have to submit tomorrow

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Answered by kirtirajsinh93
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आतंकवाद हिंसा का एक गैर-कानूनी तरीका है जो लोगों को डराने के लिये आतंकवादियों द्वारा प्रयोग किया जाता है। आज, आतंकवाद एक सामाजिक मुद्दा बन चुका है। इसका इस्तेमाल आम लोगों और सरकार को डराने-धमकाने के लिये हो रहा है। बहुत आसानी से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये विभिन्न सामाजिक संगठन, राजनीतिज्ञ और व्यापारिक उद्योगों के द्वारा आतंकवाद का इस्तेमाल किया जा रहा है। लोगों का समूह जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं उन्हें आतंकवादी कहते हैं। आतंकवाद को परिभाषित करना बहुत आसान नहीं है क्योंकि इसने अपनी जड़ें बहुत गहराई तक जमायी हुयी है। आतंकवादियों के पास कोई नियम और कानून नहीं है; ये समाज और देश में आतंक के स्तर को बढ़ाने और उत्पन्न करने के लिये केवल हिंसात्मक गतिविधियों का सहारा लेते हैं।

पूरे विश्व के लिये आतंकवाद एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समस्या बन चुका है। ये एक वैश्विक समस्या है जिसने लगभग सभी राष्ट्रों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से प्रभावित किया हुआ है। हालाँकि बहुत सारे देशों के द्वारा आतंकवाद का सामना करने की कोशिश की जा रही है; लेकिन कुछ लोगों के द्वारा इसे आज भी समर्थन दिया जा रहा है। आम लोगों को किसी भी समय ख़ौफनाक तरीके से डराने का एक हिंसात्मक कुकृत्य है आतंकवाद। आतंकवादियों के बहुत सारे उद्देश्य होते हैं जैसे कि समाज में हिंसा के डर को फैलाना, राजनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति आदि। इनके निशाने पर हर वक्त देश का आम नागरिक होता है।

एक खास देशों की सरकार से अपनी माँगों को पूरा करवाना ही आतंकवादियों का मुख्य लक्ष्य होता है। लोगों और सरकार तक अपनी आवाज को पहुँचाने के लिये वो ऑनलाइन सोशल मीडिया, समाचारपत्र या पत्रिकाओं से संपर्क करते हैं। कई बार आतंकवादी हमले अपने वैचारिक और धार्मिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिये होते है।

भारत एक विकसित देश है जिसने पूर्व और वर्तमान में बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया है, आतंकवाद उनमें से एक बड़ी राष्ट्रीय समस्या है। भारत ने भूखमरी से होने वाली मृत्यु, अशिक्षा, गरीबी, असमानता, जनसंख्या विस्फोट और आतंकवाद जैसी चुनौतियों का सामना किया है जिसने इसकी विकास और वृद्धि को बुरी तरह प्रभावित किया है। आतंकवादियों के धर्म, मातृभूमि और दूसरे गैर-तार्किक भावनाओं के उद्देश्यों के लिये आम लोगों और सरकार से लड़ रहा आतंकवाद एक बड़ा खतरा है। आतंकवादी अपने आप को एक बहादुर सैनिक बताते हैं हालाँकि, वो वास्तविक सैनिक नहीं होते हैं। सच्चे सैनिक कभी-भी आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और वो केवल दुश्मनों से अपने देश को बचाने के लिये ही लड़ते हैं। वास्तव में असली सैनिक वो होते हैं जो राष्ट्रहित के लिये लड़ते हैं। जबकि आतंकवादी अपने खुद के गलत उद्देश्यों के लिये लड़ते हैं।

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