Hindi, asked by MohithGR, 1 year ago

Nibandh on hard work in hindi​

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Answered by omkorke01
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परिश्रम का मनुष्य के लिए वही महत्व है जो उसके लिए खाने और सोने का है । बिना परिश्रम का जीवन व्यर्थ होता है क्योंकि प्रकृति द्‌वारा दिए गए संसाधनों का उपयोग वही कर सकता है जो परिश्रम पर विश्वास करता है ।

परिश्रम अथवा कर्म का महत्व श्रीकृष्ण ने भी अर्जुन को गीता के उपदेश द्‌वारा समझाया था । उनके अनुसार:

”कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन: ।”

परिश्रम अथवा कार्य ही मनुष्य की वास्तविक पूजा-अर्चना है । इस पूजा के बिना मनुष्य का सुखी-समृद्‌ध होना अत्यंत कठिन है । वह व्यक्ति जो परिश्रम से दूर रहता है अर्थात् कर्महीन, आलसी व्यक्ति सदैव दु:खी व दूसरों पर निर्भर रहने वाला होता है।

परिश्रमी व्यक्ति अपने कर्म के द्‌वारा अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं । उन्हें जिस वस्तु की आकांक्षा होती है उसे पाने के लिए रास्ता चुनते हैं । ऐसे व्यक्ति मुश्किलों व संकटों के आने से भयभीत नहीं होते अपितु उस संकट के निदान का हल ढूँढ़ते हैं। अपनी कमियों के लिए वे दूसरों पर लांछन या दोषारोपण नहीं करते ।

दूसरी ओर कर्महीन अथवा आलसी व्यक्ति सदैव भाग्य पर निर्भर होते हैं । अपनी कमियों व दोषों के निदान के लिए प्रयास न कर वह भाग्य का दोष मानते हैं । उसके अनुसार जीवन में उन्हें जो कुछ भी मिल रहा है या फिर जो भी उनकी उपलब्धि से परे है उन सब में ईश्वर की इच्छा है । वह भाग्य के सहारे रहते हुए जीवन पर्यंत कर्म क्षेत्र से भागता रहता है । वह अपनी कल्पनाओं में ही सुख खोजता रहता है परंतु सुख किसी मृगतृष्णा की भाँति सदैव उससे दूर बना रहता है ।

किसी विद्‌वान ने सच ही कहा है कि परिश्रम सफलता की कुंजी है । आज यदि हम देश-विदेश के महान अथवा सुविख्यात पुरुषों अथवा स्त्रियों की जीवन-शैली का आकलन करें तो हम यही पाएँगे कि जीवन में इस ऊँचाई या प्रसिद्‌धि के पीछे उनके द्‌वारा किए गए सतत अभ्यास व परिश्रम का महत्वपूर्ण योगदान है ।

Answered by nisha1901
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मानव जीवन का सच्चा सौंदर्य उसके द्वारा किया गया परिक्षम है। इसीलिए जीवन में परिक्षम का विशेष महत्व है। परीक्षम करने वाले इन्सान के लिए कोई भी कार्य कठिन नहीं होता इसी हौंसले की बदोलत ही मानव ने प्रकृति को चुनौती दी है समुन्द्र पार कर लिए , पहाड़ों की उंची -उंची चोटियों पर चढ़ गया , आकाश का कोई भी कोना उसकी पहुँच से बाहर नहीं है। इसीलिए परिक्षम के द्वारा ही सफलता को हासिल किया जा सकता है।

कड़ी मेहनत सफलता के लिए आवश्यक है ये हैम से अधिक से अधिक बार कहा गया है. ये बयान आमतौर पर स्कूलों और किसी भी अन्य कार्यस्थलों में इस्तेमाल किया जाता है. शिक्षक, टीम के नेता, माता-पिता और प्रबंधक ये बयान अधिक इस्तेमाल करते है. सफलता के लिए कठिन मेहनत कुछ लोगों के लिए सच्चाई है, लेकिन कुछ लोगो विशवास नहीं करते है. कुछ लोगों को लगता है कि वे भाग्य के कारण सफल हुए है. वे कहते हैं कि भाग्यशाली लोग ही समाज में सबसे सफल व्यक्तियां रही हैं. हालांकि, चाहे भाग्य साथ हो या नहीं; कड़ी मेहनत सफल रहने के लिए आवश्यक है. “कड़ी मेहनत सफलता की कुंजी है” ये बयान भी कुछ लोगों और कंपनियों के लिए एक घोषणा है. कड़ी मेहनत में विशवास ही सब कुछ में सफलता देता है. लोग कड़ी मेहनत के माध्यम से अपने करियर में सफल रहे है. एक व्यक्ति के लिए कैरियर के विकास में कड़ी मेहनत और समर्पण ही मांगती है. कार्यस्थलों पर पदोन्नति भाग्य के माध्यम से नहीं लेकिन उनकी कड़ी मेहनत के कारण मिलती है.

परिश्रम मानव जीवन का वह हथियार है जिसके बल पर भारी से भारी संकटों पर भी जीत हासिल की जा सकती है । परिश्रम वह गुण है जिसे अपना लेने पर व्यक्ति के दु:ख मिट जाते हैं । परिश्रम सफलता का मूल मंत्र है । यह कभी भी बेकार नहीं जाता । संसार परिश्रमी व्यक्तियों का लोहा मानता है । परिश्रमी लोगों ने संसार में बड़े-बड़े कारनामे कर दिखाए हैं । वे बाधाओं से लड़ते हुए अपने जीवन-लक्ष्य की प्राप्ति कर ही लेते हैं । किसान और मजदूर अनथक श्रम करते हुए संसार को भोजन , वस्त्र और आवास प्रदान करते हैं । व्यापारियों और पूंजीपतियों के श्रम से दश में रोजगार के नए-नए अवसर प्राप्त होते हैं । जिन लोगों ने परिश्रम को पूजा माना है संसार ने उनकी पूजा की है । जीवन की दौड़ में श्रम करनेवाला विजयी होता है लेकिन आलसी लोगों को हार का मुँह देखना पड़ता है । इसलिए हमें परिश्रमशील और कर्मठ बनना चाहिए । परिश्रम से भाग्य को भी बदला जा सकता है ।

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