Hindi, asked by devidas24, 1 year ago

nibandh on Mera Priya Hindi lekhak​

Answers

Answered by mohitbugalia2005
114

प्रस्तावना:- यह तो हम सभी जानते हैं कि कोई भी कवि या लेखक बनाए नहीं जाते हैं। यह तो उनमें जन्मजात ही होते हैं इसकी प्रतिभा उन्हें बचपन से ही फलती फूलती है इस लेखन प्रतिभा की वजह से ही वह बड़ा कवि और लेखक बनता है हिंदी साहित्य में ऐसे कई लेखक हैं जो कीमती रत्न के समान है जिनका लोहा आज सारा विश्व स्वीकार करता है उन्हीं में से मेरा प्रिय लेखक मुंशी प्रेमचंद जी है जो निबंध, नाटक ,उपन्यास और कहानीकार के रूप में जाने जाते हैं उपन्यास और कहानी के क्षेत्र में प्रेमचंद जी ने प्रत्येक वर्ग के पाठ को मंत्रमुग्ध कर देने वाले साहित्य का सृजन किया है इस कारण उन्हें उपन्यास सम्राट की उपाधि दी जाती है जितने बड़े उपन्यासकार थे उतने ही बड़े कहानीकार भी थे मुंशीप्रेमचं जी।

मेरे प्रिय लेखक का जन्म और जीवन

मेरे प्रिय लेखक मुंशी प्रेमचंद जी का जन्म वाराणसी के निकट लमही नामक गांव में 31 जुलाई 1880 में हुआ था उनके पिता का नाम अजायब राय और माता का नाम आनंदी देवी था प्रेमचंद जी का वास्तविक नाम धनपत राय था उन्हें नवाब राय के नाम से भी जाना जाता था इनका बचपन अभावों में बिता 10वीं परीक्षा पास कर के इन्होंने 12वीं की परीक्षा में असफल हो जाने पर उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी विद्यार्थी जीवन में इनका विवाह हो गया था पत्नी के अनुकूल ना होने के कारण उन्होंने दूसरा विवाह किया था जिसका नाम शिवरानी देवी था मैट्रिक तक होने के बाद एक विद्यालय में अध्यापक हो गए थे उन्होंने स्वधाई रूप में स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करके शिक्षा विभाग में डिप्टी इंस्पेक्टर हो गए थे। असहयोग आंदोलन प्रारंभ होने पर इन्होंने नौकरी छोड़ दी थी इसके बाद उन्होंने साहित्य जीवन में प्रवेश करने पर सर्वप्रथम मर्यादा पत्रिका के संपादक रहे फिर इन्होंने प्रेस खोली लंबी बीमारी के बाद सन 1936 ई. में इनका निधन हो गया।

Answered by hardikgadiya
120
मैंने विभिन्न लेखकों की अनेक पुस्तकें पढ़ी हैं। अंग्रेजी लेखकों में विलियम शेक्सपियर और सर आर्थर कोनन डायल मेरे प्रिय लेखक हैं। हिंदी लेखकों में रविन्द्र नाथ टैगोर और मुंशी प्रेमचंद मेरे प्रिय लेखक हैं लेकिन रविन्द्रनाथ टैगोर जी को मैं अधिक पसंद करता हूँ। वह इस संसार के महान कवियों में से एक हैं।

रविन्द्रनाथ टैगोर बंगाल के बहुत आदरणीय परिवार से हैं। टैगोर जी का जन्म 7मई 1861 ई को कोलकाता के जोरसान्को में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री देवेन्द्रनाथ टैगोर था। रविन्द्रनाथ जी ने प्रारम्भिक शिक्षा कोलकाता के दो प्रसिद्द विद्यालयों से प्राप्त की जो थे ओरिएण्टल अकादमी और कलकत्ता नार्मल। सन1871 में टैगोर जी उच्च शिक्षा के लिए इंग्लॅण्ड चले गए। उन्होंने लन्दन विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की।

रवीन्द्रनाथ टैगोर जी का पारिवारिक जीवन दुखों से भरा था। उनका विवाह 1888 में हुआ लेकिन सन 1902 में इनकी पत्नी की मृत्यु हो गयी। कुछ वर्षों के पश्चात सन 1907 में इनके पिता की भी मृत्यु हो गयी। इन सबके बीच सन 1904में इनकी पुत्री की भी मृत्यु हो गयी। इन दुखद घटनाओं के चलते टैगोर जी अत्यंत धार्मिक प्रवृत्ति के हो गए। 

रविन्द्रनाथ टैगोर भारत से गहरा लगाव था। उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध अपनी आवाज उठाई। उन्होंने अपनी रचनाओं के द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों में देशभक्ति की लहर दौडाई। उन्होंने सन 1901 में विश्वभारती की स्थापना की। वह भारत को शिक्षा और संस्कृति का घर बनाना चाहते थे। 7 अगस्त 1941 को रवीन्द्रनाथ टैगोर जी की मृत्यु हो गयी। वह एक लेखक, देशभक्त और महान समाज सुधारक थे।
Similar questions