Nibandh on meri romanchak ghatna in hindi
Answers
कुछ दिन पहले हमारे विद्यालय में बाल मेला आयोजित करा गया था। हमलोगों को बहुत आनंद आया। सुबह जल्दी उठकर हमलोग विद्यालय पहुँच गए। हमारी अध्यापिका जी ने हमलोगों को मेले के बारे में बताया फिर अपने साथ घुमाने ले गयीं।
सबसे पहले हमलोगों ने खेलों की स्टॉल पर खेल खेले। उसमें मुझे एक पुरस्कार भी मिला। उसके बाद हमलोग जायंट व्हील पर बैठे। पहले मुझे डर लगा पर बाद में सब के साथ मुझे भी मज़ा आया।
उसके बाद हमलोगों ने बंदर का नाच देखा और एक हाथी पर अपने विद्यालय की सैर करी। फिर अध्यापिका जी ने हमलोगों को गोल गप्पे और कुल्फी खरीदकर दी। ये सब खाकर बड़ा आनंद आया।
मैंने देखा कि कुछ दूर पर एक बहुत बड़ा गुब्बारा पड़ा हुआ है। मैं उसके पास गया और उसके चारोंओर घूमकर और उसे छूकर देखा। उसके अंदर कुछ चमक रहा था। उसे देखने के लिए मैंने गुब्बारे के ऊपर पैर रखा। जैसे ही मैंने पैर रखा वह गुब्बारा ऊपर की ओर उठने लगा।
पल भर में मैं असमान में चिड़ियों के साथ मैं गुब्बारे में उड़ने लगा। मेरे सब साथी तालियाँ बजाने लगे। मेले के सब लोग, विद्यार्थी, अध्यापक आदि सब बाहर निकलकर आसमान की ओर देखने लगे। मुझे गुब्बारे में ऊपर उड़ने में बहुत मज़ा आ रहा था।
परन्तु एक चिड़िया की चोंच लगने से वह एकदम से नीचे आने लगा। मुझे
डर लगने लगा। वह नीचे आकार सीधे हाथी
के हौदे पर आकार रुका। सब लोग यह अनोखा दृश्य देखकर बहुत खुश हुए। उसके बाद मैं कई
दिनों तक लोगों की चर्चा का मुख्य विषय बन गया।
Answer:
कुछ दिन पहले हमारे विद्यालय में बाल मेला आयोजित करा गया था। हमलोगों को बहुत आनंद आया। सुबह जल्दी उठकर हमलोग विद्यालय पहुँच गए। हमारी अध्यापिका जी ने हमलोगों को मेले के बारे में बताया फिर अपने साथ घुमाने ले गयीं।
सबसे पहले हमलोगों ने खेलों की स्टॉल पर खेल खेले। उसमें मुझे एक पुरस्कार भी मिला। उसके बाद हमलोग जायंट व्हील पर बैठे। पहले मुझे डर लगा पर बाद में सब के साथ मुझे भी मज़ा आया।
उसके बाद हमलोगों ने बंदर का नाच देखा और एक हाथी पर अपने विद्यालय की सैर करी। फिर अध्यापिका जी ने हमलोगों को गोल गप्पे और कुल्फी खरीदकर दी। ये सब खाकर बड़ा आनंद आया।
मैंने देखा कि कुछ दूर पर एक बहुत बड़ा गुब्बारा पड़ा हुआ है। मैं उसके पास गया और उसके चारोंओर घूमकर और उसे छूकर देखा। उसके अंदर कुछ चमक रहा था। उसे देखने के लिए मैंने गुब्बारे के ऊपर पैर रखा। जैसे ही मैंने पैर रखा वह गुब्बारा ऊपर की ओर उठने लगा।
पल भर में मैं असमान में चिड़ियों के साथ मैं गुब्बारे में उड़ने लगा। मेरे सब साथी तालियाँ बजाने लगे। मेले के सब लोग, विद्यार्थी, अध्यापक आदि सब बाहर निकलकर आसमान की ओर देखने लगे। मुझे गुब्बारे में ऊपर उड़ने में बहुत मज़ा आ रहा था।
परन्तु एक चिड़िया की चोंच लगने से वह एकदम से नीचे आने लगा। मुझे डर लगने लगा। वह नीचे आकार सीधे हाथी के हौदे पर आकार रुका। सब लोग यह अनोखा दृश्य देखकर बहुत खुश हुए। उसके बाद मैं कई दिनों तक लोगों की चर्चा का मुख्य विषय बन गया।
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