Nibandh on meta ghar
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घर और मकान में अंतर होता है। मकान पत्थरों का, ईटों का या मिटटी का भी हो सकता है या झोपडी भी हो सकती है। परन्तु इन वस्तुओं से घर नहीं बनता। घर शरीर में एक आत्मा की तरह होता है। एक शरीर आत्मा के बिना बेकार है। बहुत से लोग मकान में रहते है परन्तु उनके पास घर नहीं होता, क्योंकि उनके परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम, शांति, स्नेह व् समझदारी नहीं होती। घर एक प्रतीक है एकता का, देखभाल का व एक दुसरे के प्रति लगाव का। सौभाग्य से ये सब कुछ हमारे परिवार में है। मई अपने घर से बहुत प्यार करता हूँ। यह मुझे मेरे जीवन से भी अधिक प्यारा है। यदि कभी मुझे अपने घर से कहीं बहुत दूर जाना पड़ता है तब मुझे अपने घर की बहुत याद आती है। यही वह समय होता है जब आपको अपने घर का मूल्य पता चलता है।
मेरे माता-पिता ,मेरी छोटी बहन और मुझसे मिलकर हमारा परिवार बना है। मेरी दादी जी की पिछले वर्ष मृत्यु हो गई। हम सब याद करते है। वह हमेशा मुझे परियों की व नैतिक शिक्षा की कहानियां सुनाया करती थी। वह बहुत ही धार्मिक थी। वह हमेशा हमारी उन्नति व ख़ुशी के लिए प्रार्थना करती थी।
मेरे माता-पिता का प्रेम विवाह हुआ था। तब वे विश्वविद्यालय के छात्र थे। वे दोनों एक लिए बने है। हमारे परिवार की ख़ुशी का राज हमारे माता-पिता का एक-दुसरे के लिए प्रेम व स्नेह है।
मेरी बहन अनुराधा बहुत ही प्यारी है। वह मुझसे 6 वर्ष छोटी है। मई उसके साथ खेलता हूँ, उसे कहानियां सुनाता हूँ और उसे कवितायें सिखाता हूँ। वह बहुत होशियार है और जल्दी सीखती है। वह नई -नई बातों को जानने के लिए व्याकुल है। उसे चॉकलेट और मिठाइयां पसंद है। मेरे पिताजी उसके लिए ये सब और नए-नए खिलौने लाना नहीं भूलते। खूबसूरत कपड़ों में वह बिलकुल पारी लगता है।
मुझे अपने प्यारे घर पर गर्व है। मेरे विचार से ये स्वर्ग का दूसरा नाम है।
Answer:
इस दुनिया में सभी प्रकार के लोग रहते हैं। कुछ सौभाग्यशाली हैं जिनके पास सुविधाएं हैं जबकि कुछ के पास नहीं हैं। भारत जैसे देश में, जहां बहुसंख्यक आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है। मैं अपने आपको शुक्रगुज़ार मानती हूँ कि मैं चार दीवारों और एक छत से सुरक्षित हूँ। दुनिया में बहुत से लोग फुटपाथ पर अपनी ज़िन्दगी गुजार देते है, मैं अपने आपको खुशनसीब मानती हूँ कि मेरा पास परिवार है और सर ढकने के लिए एक छोटा मगर खूबसूरत घर है।
मेरे माता-पिता की कड़ी और कठोर मेहनत है जिसने मुझे यह घर के रूप में आशीर्वाद दिया है। आज की दुनिया में बहुत से लोग हमेशा उन चीजों के बारे में शिकायत कर रहे हैं जो उनके पास नहीं हैं। जिसके पास घर है वह बंगला चाहता है। जिस के पास बंगला है, वह महल चाहता है। एक महल में रहने वाला एक द्वीप चाहता है। यह कभी न खत्म होने वाली ख्वाइश शुरू हो जाती है। अगर हम अपने से ऊपर के लोगों की बजाय अपने से नीचे के लोगों को देखें, तो हम जीवन में खुश रहेंगे।घर छोटा बड़ा नहीं होता है। घर तो बस घर होता है। घर वही होता है, जहाँ माँ और पिताजी, पूरा परिवार साथ रहता है। घर से हमारे कई भाव जुड़े होते है। मेरा घर पश्चिम बंगाल राज्य में है। मेरे घर में तीन कमरे, दो बालकनी और हवादार खिड़कियाँ है। घर के आस-पास पेड़ और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर उद्यान है। मेरे घर में छोटा से पुस्तकालय है, जिसमे मेरी कई सारी किताबे है। मुझे किताबे पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। किताबो से बेहतर साथी और कोई नहीं हो सकता है।
Hope it helps you