Hindi, asked by Karankk5692, 11 months ago

Nibandh on pragati ki aur badhte bharat ke kadam

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Answered by Nitingenius205
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शताब्दियों के विदेशी शासन ने भारत को दरिद्र बना दिया है। विदेशी शासन के दौरान कुछ लोग ऐसे रहे होंगे जो अच्छा जीवन बिताते थे किंतु आम जनता की दशा दुखद एवं दयनीय थी। विदेशी शासन से मुक्ति प्राप्त हुई और फिर सरकार के समक्ष देश की आम जनता की दशा सुधारने का अनिवार्य कार्य था। रूस से सबक सीख कर हम ने 1951 से विकास के लिए नियोजन प्रारंभ कर दिया और पंचवर्षीय योजनाओं का निर्माण किया हमने लगभग 7 दशाब्दी से अधिक का नियोजन पूरा कर लिया है हमने बारहवीं पंचवर्षीय योजना को पूरा कर लिया है एवं तेरहवीं पंचवर्षीय योजना के लिए परिचय तथा रणनीति तय कर ली है।


नियोजन की इस अवधि में हमने जीवन के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में अच्छी प्रगति की है और 2017 का भारत 1950 के भारत से बहुत भिन्न प्रतीत होता है। हमने कृषि के क्षेत्र में बहुत अच्छी प्रगति की है। हरित क्रांति हो चुकी है और हम खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बन चुके हैं। कृषि के अतिरिक्त जीवन के अन्य क्षेत्रों को भी नियोजन से लाभ पहुंचा है। शैक्षिक सुविधाओं का काफी विस्तार हुआ है। स्कूलों¸ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की संख्या काफी बढ़ गई है। साक्षरता का प्रतिशत भी काफी बड़ा है। चिकित्सीय सुविधाएं भारत के दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंच गई है। सैकड़ों हॉस्पिटल और डिस्पेंसरी स्थापित की गई है और औषधियों का भारत में ही निर्माण हो रहा है। भारत में विज्ञान भी प्रगति के पथ पर है। सैकड़ों प्रयोगशालाएं और अनुसंधान केंद्र विभिन्न प्रकार के विषयों पर कार्य करने के लिए स्थापित किए हैं। भारत में औद्योगीकरण तेजी से बढ़ रहा है। भारत उद्योगों द्वारा निर्मित बहुत सी चीजों के बारे में आत्मनिर्भर होता जा रहा है। नाभिकीय एवं अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में हमारी प्रगति ने विश्व में हमारी प्रतिष्ठा को ही नहीं बनाया है बल्कि हमारे विकास और आर्थिक प्रगति के रास्ते खोल दिए हैं। प्रतिरक्षा के साज-समान और तकनीकी में हाल ही में हुए विकास के परिणाम स्वरूप सैनिक दृष्टि से हमने विश्व की बड़ी ताकतों में से एक का स्थान प्राप्त कर लिया है।


बहुत सी बहुउद्देशीय परियोजनाओं की स्थापना भारत के लिए वरदान साबित हुई है। संवाद वाहन और यातायात के साधनों में क्रांति आई है और उन्होंने भारत के जीवन में भी क्रांति मचा दी है। इन उपायों के कारण भारत ने अपने को अविकसित की दशा से निकालकर विकासशील अर्थव्यवस्था में प्रवेश किया है। उसकी संपूर्ण राष्ट्रीय आय (जी एन पी) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इन सब के अतिरिक्त सरकार ने गाँवों से गरीबी दूर करने के लिए कदम उठाए हैं। एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम¸ ट्राईसम¸ स्पेशल कंपोनेंट प्लान¸ प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम और अन्य बहुत से कार्यक्रमों जिनका उद्देश्य रोजगार प्रदान करना और जनता के रहन-सहन के स्तर को ऊंचा उठाना है¸ ने ग्रामीण निर्धन¸ पद-दलित एवं निराश लोगों को एक नयी आशा प्रदान की है।


हाल ही में बेशुमार समृद्धि बहुत से लोगों को मिली है इतनी तीव्र गति से समृद्धि का आना पहले कभी नहीं देखा गया था। नवीन धनाढ्य लोगों के एक वर्ग का उदय हुआ जोकि उच्च स्तर का रहन सहन का स्तर बनाए हुए है। वह भारत को स्वतंत्रता प्राप्ति के समय साइकलों का आयात करता था। अब बहुत ही जटिल प्रकार की सामग्री अपने उद्योगों में बना रहा है। अनेक प्रकार की विलासिता युक्त कारें प्रत्येक सड़क पर देखी जा सकती हैं। बड़ी बड़ी आवासीय इमारतें प्रत्येक कस्बें और शहर में दर्शकों में भय और विस्मय पैदा करती हैं। बहुत से लोगों के लिए वायु यात्रा एक सामान्य सी बात हो गई है जबकि 1950 में राजनीतिज्ञ और बड़े उद्योगपति ही वायुयान से यात्रा करते थे। सभी क्षेत्रों में भारत उन्नत देशों के साथ सहज प्रतियोगिता कर रहा है जिसका श्रेय नियोजन को है। 

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