Nibandh on prakriti ki raksha manav ki suraksha in hindi in 100-150 words
Answers
आज हमारी प्रकृति पर खतरा मंडरा रहा है जो हमारी रक्षा करती आई है। आज हम सब अपने स्वार्थ के कारण प्रकृति के ऊपर मंडरा रहे खतरे को नहीं देख पा रहे हैं।
आज हम फैक्ट्री के गंदे धुआं से वायु को दूषित कर रहे, तालाबों को बूझाकर बड़े-बड़े शापिंग माल बनवा रहे हैं। जंगल काटकर पृथ्वी की जीवन को नष्ट कर रहे हैं।
शायद हम भूल गए हैं कि हमारी पृथ्वी ही हमारी सब कुछ है आज यदि पृथ्वी, प्रकृति, वायु नहीं होंगे तो धरती पर रहने वाले अरबों लोग सब मर जाएंगे। जिस तरह मां के कोख में हम सुरक्षित होते हैं वैसे ही धरती के गोद में हम सब मानव सुरक्षित है।
इसलिए हम सबको अपने पर्यावरण को बचाना होगा।
Answer:
Explanation:
विज्ञान जिस प्रकार प्रगति कर रहा है, उसी के दुष्परिणाम स्वरूप हमारी प्रकृति दूषित होती जा रही है। चारों ओर वाहनों का बढ़ता शोर, वृक्षों की कटाई, स्वच्छता की भावना में कमी आदि हमारे पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं। यदि पर्यावरण प्रदूषित हो तो जीवन बीमारियों और कठिनाइयों से भर जाता है। यदि हर नागरिक सजग हो तो पर्यावरण प्रदूषित होगा ही नहीं। प्रदूषित वातावरण इंसानों के लिए ही नहीं जानवरों और पक्षियों के लिए भी खतरनाक है।
हमारे पर्यावरण की रक्षा के लिए हम सभी को मिलकर संकल्प लेना चाहिए। हमें चाहिए कि हम नदियों में कूड़ाकरकट, फूल, पूजा सामग्री, जली हुई लकडी, मूर्तियाँ आदि न तो स्वयं डालें, न ही और किसी को डालने दें। हमें लोगों में जागरूकता लानी होगी कि इन कार्यों से पर्यावरण प्रदूषित होता है। नदी, तालाबों पर कपड़े धोने व जानवरों को नहलाने से लोगों को रोकना चाहिए ताकि पर्यावरण प्रदूषित न हो। बड़ी फैक्टरियों की बची हुई गंदगी, बचा तेल, कूड़ा-करकट आदि। की नदियों में बहाए जाने पर रोक लगानी चाहिए। यदि कहीं ऐसा हो रहा है तो हमें उसे रोकने का प्रयास करना चाहिए। यदि रहे प्रकृति की रक्षा में ही मानव की सुरक्षा है।
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