nibandh on vyayam ka mahtav in hindi
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व्यायाम करने का एक लाभ स्वास्थ्य रक्षा और शरीर को नियमित बनाए रखना तो है ही, व्यायाम करने वाला हमेशा प्रसन्न ही रेहता है । प्रसन्नता उसकी एक बहुत बड़ी और महत्त्वपूर्ण उपलब्धि कही जा सकती है । व्यायाम आदमी को कमजोर और चिड़चिड़ा नहीं होने देता । सब तरह के रोगों से भी नियमित व्यायाम करने वाला व्यक्ति बचा रहता है ।
उदासी और निराशा कभी भूल कर भी ऐसे आदमी के पास नहीं फटकने पाते । कहा गया है कि स्वास्थ्य ही सच्चा धन है । सो नियमपूर्वक व्यायाम करने वाला व्यक्ति स्वास्थ्य रूपी सम्पत्ति से हमेशा मालामाल रहता है ।
कमजोर आदमियों की तरह ऐसे व्यक्ति को कभी परिश्रम से जी नहीं चुराना पड़ता । अपनी असमर्थता का परिचय देकर दूसरों के सामने कभी शर्मिन्दा नहीं होना पड़ता । व्यायाम कई प्रकार के होते हैं । तरह-तरह के खेल खेलना, दण्ड बैठक पेलना, दौड़ लगाना, कबड्डी खेलना, कुश्ती लड़ना, योगाभ्यास या आसन करना, तैरना, नृत्य करना, घुड़सवारी करना एवं नौकायन आदि सभी व्यायाम ही तो हैं ।
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वयायाम का अर्थ है – शरीर को इस तरह तानना सिकोड़ना कि वह सही स्थिति में कार्य कर सके । जिस प्रकार अच्छे भोजन से शरीर को पोषण मिलता है, उसी प्रकार से व्यायाम से शरीर लंबे समय तक उचित दशा में बना रहता है । व्यायाम से शरीर को सुगठित, तंदुरुस्त और फुर्तीला बनाया जा सकता है ।
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आजकल अधिकतर काम मशीनों की सहायता से होते हैं । मशीनें आदमी को एक ही दशा में कार्य करते रहने के लिए विवश कर देती हैं । लोग बद कक्षों में बैठे या खड़े रहते हैं । यह अस्वास्थ्यप्रद स्थिति मानसिक तनाव और शारीरिक बीमारियों को जन्म देती है । परंतु प्रतिदिन व्यायाम किया जाए तो इस स्थिति में बदलाव लाया जा सकता है । हर दिन एक घंटे के व्यायाम से आदमी भिन्न-भिन्न प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक व्याधियों से दूर रह सकता है । इतना ही नहीं, वह मानसिक चिंता से मुक्त होकर, शारीरिक शक्ति एवं स्कूर्ति से युक्त होकर अपने दैनिक कार्यों को भली-भांति संचालित कर सकता है ।
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व्यायाम से मानसिक तनाव और थकान मिटती है । शरीर का रक्त शुद्ध हो जाता है तथा पूरे शरीर में ताजगी आती है । व्यायाम यदि खुले स्थान में या किसी पार्क में किया जाए तो अधिक लाभ मिलता है । फेफड़ों को शुद्ध वायु पर्याप्त मात्रा में मिलती है । पेशियों और अस्थियों को ताकत मिलती है । शरीर का दर्द और ऐंठन मिट जाती है । ज्ञानेन्द्रियों में सजगता आती है । संपूर्ण शरीर प्राकृतिक दशा में कार्य करने लगता है । शारीरिक दुर्बलता और सुस्ती समाप्त हो जाती है । इस तरह व्यायाम के प्रभाव से शरीर में नवजीवन का संचार होता है । बूढ़े और बीमार लोग भी अपने भीतर स्कूर्ति का अनुभव करने लगते हैं ।
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व्यायाम अलग- अलग प्रकार के हो सकते हैं । बूढ़े और अशक्त लोगों के लिए प्रात: सायं तेज चाल में टहलना अच्छा व्यायाम हो सकता है । बच्चे और युवा दौड़ लगा सकते हैं या दंड-बैठक कर सकते हैं । साइकिल चलाना, तैरना, मुगदर उठाना, गोला फेंकना, जैवलिन थ्रो ( भाला फेंकना) आदि व्यायाम के ही विभिन्न रूप हैं । विभिन्न आयुवर्ग के लोग अपनी सुविधा और पसंद को देखते हुए व्यायाम के उचित रूप का चुनाव कर सकते हैं । शहरों में व्यायाम करने वालों की सुविधा के लिए व्यायामशालाओं की स्थापना की गई है । यहाँ व्यायाम करने के लिए अनेक प्रकार के उपकरण होते हैं । युवा यहाँ बड़ी संख्या में आते हैं।
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नगरों में व्यायामशालाएँ और पार्क होते हैं तो गाँवों में प्राकृतिक उद्यान और शांत व खुले स्थान । गाँवों में व्यायाम किसी भी खुले स्थान में किया जाता है । वहाँ की हवा अपेक्षाकृत अधिक शुद्ध होती है । व्यायाम चाहे कहीं भी किया जाए, इसमें नियमितता का बहुत महत्त्व है । अनियमित ढंग से किया गया व्यायाम लाभप्रद नहीं हो सकता ।
नगरों में व्यायामशालाएँ और पार्क होते हैं तो गाँवों में प्राकृतिक उद्यान और शांत व खुले स्थान । गाँवों में व्यायाम किसी भी खुले स्थान में किया जाता है । वहाँ की हवा अपेक्षाकृत अधिक शुद्ध होती है । व्यायाम चाहे कहीं भी किया जाए, इसमें नियमितता का बहुत महत्त्व है । अनियमित ढंग से किया गया व्यायाम लाभप्रद नहीं हो सकता ।बड़ी आयु में हल्के-फुल्के व्यायाम बहुत लाभप्रद होते हैं । टहलना और हल्केफुल्के ढंग से अंग संचालन से ही शरीर का पूरा व्यायाम हो जाता है । बुजुर्ग यदि व्यायाम करें तो उनमें हृदयाघात, मधुमेह, लकवा, अत्यधिक थकान जैसी बीमारियाँ नहीं होतीं या बीमारियों की संख्या कम हो जाती है ।
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आजकल व्यायाम हर किसी के लिए जरूरी है । विद्यार्थी इसके द्वारा अपनी शारीरिक एवं मानसिक क्षमता बढ़ा सकते हैं । खिलाड़ियों की दक्षता और फिटनेस का पूरा आधार व्यायाम ही है । युवा व्यायाम के द्वारा अपनी कार्यक्षमता में बढ़ोतरी कर सकते हैं । वे इसके द्वारा बुढ़ापे के शीघ्र आक्रमण को रोक सकते हैं । व्यायाम का महत्त्व प्रत्येक व्यक्ति के लिए है । आधुनिक समय की परेशानियों से बचने का इससे कारगर अन्य छ उपाय नहीं ।