Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

nibandh parishram hi safalta ki kunji hai

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दोस्तों परिश्रम एक क्षेत्र में किया जाना चाहिए,जब एक इंसान जन्म लेता है तो उसको उसके मां-बाप स्कूल में दाखिला दिलवाते हैं वहां पर पढ़ाई करता है परिश्रम करता है और अच्छे नंबरों से पास हो जाता है और जीवन में एक अच्छा इंसान,साथ में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने लायक बनता है लेकिन यह सभी उसके परिश्रम पर निर्भर करता है,अगर उसने परिश्रम ज्यादा किया हो तो वह जिंदगी में एक सफल इंसान बनेगा,अगर उसने अपने परिश्रम में कमी दिखाई तो वह जिंदगी में कुछ भी खास नहीं बन पाएगा क्योंकि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है,इसके अलावा हम मान लेते हैं किसी बिजनेस में एक सफल बिजनेसमैन की,बिजनेसमैन बनने के लिए यह बहुत जरूरी है कि हम परिश्रम करें क्योंकि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है,बहुत सारे बिजनेसमैन आज जीवन में अगर सफल हुए हैं तो कहीं ना कहीं सबसे बड़ा योगदान उनके परिश्रम का है.आज बात करें हम उस महान बिजनेसमैन की जो दुनिया में भी नहीं है धीरुभाई अंबानी जी जिसने reliance जैसी एक बहुत बड़ी कंपनी बनाई थी और आज वह पूरी दुनिया में अपने कदम फैलाए हुए हैं आज भले ही वह इस दुनिया में नहीं है लेकिन धीरूभाई अंबानी जी ने अपनी लगातार किए हुए परिश्रम से इतनी बड़ी सफलता अर्जित कि है कि आज वह भले ही दुनिया में नहीं है फिर भी आज उनका नाम इस दुनिया में है क्योंकि उन्होंने परिश्रम किया था और परिश्रम का फल जरूर मिलता है क्योंकि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है आज उनके लड़के मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी उनके परिश्रम का लाभ ले रहे हैं तो दोस्तों हम कह सकते हैं कि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है,आज हम किसी भी इंसान को देखें,चाहे धीरूभाई अंबानी जी को देखें,चाहे बिल गेट्स को देखें,चाहे एक महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को देखें,चाहे एक महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन को देखें हर इंसान आज एक सफल इंसान हैं तो कहीं ना कहीं इसमें उसके परिश्रम का फल है क्योंकि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है और जो इंसान परिश्रम करता है,परिश्रम करने से कभी भी नहीं डरता है वह जिंदगी में एक बहुत बड़ा सफल इंसान बन जाता है.
दोस्तों अगर आपको भी सफल इंसान बनना है तो कभी भी परिश्रम करने से मत डरिए,दोस्तों बात करे हम सचिन तेंदुलकर की तो बहुत सी असफलताओं के बावजूद भी उसने परिश्रम करना नहीं छोड़ा और आज वह क्रिकेट का भगवान कहलाता है,बात करें हम थॉमस एडिसन की तो एक ऐसे महान इंसान हैं जिसने 9999 बार बल्ब का आविष्कार करने की कोशिश की लेकिन फिर भी बंद नहीं हुआ और फिर भी वह प्रयत्न करने से पीछे नहीं हठे और अगली बार जैसे ही उन्होंने परिश्रम किया तो वह बल्ब का आविष्कार कर पाए क्योंकि जो इंसान परिश्रम करता है,उसकी कभी भी हार नहीं होती,थॉमस एडिसन के जैसा वह कुछ ऐसा कर जाता है की ये दुनिया रहे या न रहे दुनिया में वोह रहे या ना रहे उसका नाम चारों ओर विराजमान होता है और दुनिया कभी भी उस को नहीं भूलती है क्योंकि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है और जिसने परिश्रम करने से अपने पैर पीछे नहीं हटाए वह जीवन में एक बहुत सफल इंसान बन जाता है क्योंकि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है

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परिश्रम ही सफलता की कुंजी
नीमच


परिश्रम ही सफलता तक पहुँचाता है। जीवन में सफल बनने के लिए कड़ी मेहनत बहुत जरूरी है।
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