Hindi, asked by riddhu81, 1 year ago

nibandha on deshprem

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Answered by pradhuman20045
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जननी जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान है’

माँ हमें जन्म देती है और धरती माँ की गोद में पल कर हम बड़े होते हैं। जिस देश में हमने जन्म लिया, वह हमारी मातृभूमि हमें प्राणों से भी अधिक प्रिय है। उस पर हमारा सब कुछ न्योछावर है, क्योंकि उसने हमें अन्न जल दिया, आश्रय दिया, हमारा पोषण किया।

हर प्राणी अपनी जन्मभूमि से जुड़ा होता है। वह उससे अलग अपने अस्तिव को पूर्ण नहीं मानता। मनुष्य कहीं भी चला जाये, विदेशों में उसे कितनी ही सुख मिले, वह वापस अपने देश आना चाहता है। वह अपना देश, अपनी जन्मभूमि कभी नहीं भूलता। मनुष्य की तरह ही पशु पक्षी भी अपनी जन्मभूमि के स्नेह बंधन एवं आकर्षण में बंधे होते हैं। पक्षी या पशु सारा दिन दाना पानी की खोज में यहाँ वहाँ घूमते जरूर हैं, पर रात को पक्षी अपने घोंसलों और पशु अपने खूँटें पर पहुँच जाते हैं।

देश प्रेम की यह भावना इंसान के हदय को देशभक्ति से ओत प्रोत रखती है और समय आने पर वह अपना सब कुछ देश के लिए न्योछावर करने को तत्पर रहता है।

इतिहास देशभक्तों के बलिदान की गाथाओं से भरा पड़ा है। सभी देशों में देशप्रेमियों को सम्मान और स्नेह मिलता है। हमारे देश के कवियों और साहित्यकारों ने शहीदों और देश पर मर मिटने वाले देशभक्तों की अमर गाथाओं को जी खोल कर लिखा है।

देशभक्ति के उदाहरण केवल ये शहीद ही नहीं हैं। देश का नाम सारे विश्व में रोशन करने वाले वैज्ञानिक, खिलाड़ी, कवि और लेखक भी महान देशभक्तों की श्रेणी में आते हैं। ऐसे समाज सुधारकों, कलाकारों और समाज सेवकों के कार्यों से इतिहास भरा पड़ा है जिन्होंने देश की उन्नति के लिये अपना सार जीवन लगा दिया। देशवासी उन्हें शत शत प्रणाम करते हैं। देश उनका सदैव ऋणी रहेगा।

हस सब का परम कर्तव्य है कि अपने देश और देशवासियों की भलाई के विषय में चिन्तन करें। अपने देश की भ्रष्टाचार, गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्याओं को समाप्त करने का प्रयास करें और देश के विरूद्ध कार्य करने वाली शक्तियों का नाष करें।
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