Hindi, asked by arunimabala917, 4 days ago

ओ निराशा, तू बता क्या चाहती है?
मैं कठिन तूफान कितने झेल आया,
मैं रुदन के पास हंस-हंस खेल आया।
मृत्यु -सागर -तीर पर पद-चिन्ह रखकर
मैं अमरता का नया संदेश लाया। आज तू किस को डराना चाहता है ? ओ निराशा तू बता क्या चाहती है ?

शूल क्या देखूं चरण जब उठ चुके हैं हार कैसी, हौसले जब बढ़ चुके हैं। तेज मेरी चाल आंधी क्या करेगी? आग में मेरे मनोरथ तप चुके हैं। आज तू किस से लिपटना चाहती है?

चाहता हूं मैं कि नभ-थल को हिला दूं, और रस की धार सब जग को पिला दूं। चाहता हूं पग प्रलय- गति से मिलाकर आह की आवाज पर मैं आग रख दूं। आज तू किस को जलाना चाहती है? वह निराशा तू बता क्या चाहती है?
कविता का मुख्य संदेश क्या है
क) वीरता
ख) अमरता
ग) क्रांतिकारिता
घ) आशावादिता।​

Answers

Answered by mariyakhan45
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