Hindi, asked by girlydream10, 2 days ago

ऑफलाइन कक्षा का अनुभव अपने शब्दों में लिखें (100 से 120 शब्दों में)

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Answers

Answered by harshchhawal233
2

Explanation:

आलेख

कोविड -19 के दौरान अपनी ज़िन्दगी के बारे में बच्चों की वीडियो डायरी

हर बच्चा अपने आप में अलग है | भारत में जिस तरह वे कोरोना वायरस का सामना कर रहे हैं, वह कुछ अलग नहीं है |

पूरे भारत के बच्चों द्वारा

असम की इशिका के लिए ऑनलाइन स्कूल नया अनुभव है।

UNICEF/UNI355820/Panjwani

में उपलब्ध:

English

हिंदी

10 अगस्त 2020

कोविड – 19 ने हमारी ज़िन्दगी में उथल-पुथल मचा दी है | लॉकडाउन, स्कूलों का बंद होना और भौतिक दूरी, इन सबका बच्चों पर गहरा असर पड़ रहा है |

यूनिसेफ ने पूरे देश के बच्चों से इस दौरान घर पर की अपनी दिनचर्या का दस्तावेज़ बनाने को कहा |

स्टे होम डायरी बच्चों के ब्लॉग की एक श्रृंखला है जिसमें उनके द्वारा इस दौरान की परिस्थितियों का किस प्रकार सामना किया जा रहा है और उनकी प्रतिदिन की मनोरंजक गतिविधियों का वर्णन होता है जिससे और बच्चों को भी प्रेरणा मिले |

असम के चाय बागानों से लेकर चेन्नई की झुग्गियों तक, इन वीडियो डायरी में बच्चों द्वारा कोविड – 19 अपने तरीके से सामना किये जाने को दिखाया गया है |

Answered by ajitdhanshri1234
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Answer:

Explanation:

कोविड -19 लॉकडाउन के बीच शिक्षा के प्रवाह को जस का तस बनाए रखने के लिए मोदी सरकार ने सभी स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का निर्देश दिया है. ज्यादातर स्कूलों ने इसे शुरू भी कर दिया है. टीचर ऑनलाइन माध्यम से बच्चों की क्लास ले रहे हैं. इसके लिए Microsoft टीम, जूम ऐप, जैसे तकनीकी ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे नोट्स भी बच्चों तक पहुंचाए जा रहे हैं.

छात्र ऑनलाइन कक्षाओं के बारे में बहुत उत्साहित भी हैं क्योंकि वे इसके जरिये अपने दोस्तों से मिल पा रहे हैं, और वे उनसे रोजाना बात कर सकते हैं. 12वीं के छात्र अनुराग ने यह भी कहा कि मुझे ऑनलाइन कक्षाएं अधिक पसंद हैं. टीचर हमें सिखाने के लिए पीपीटी का उपयोग करते हैं, जो विषय को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है.

मैं दुखी थी क्योंकि मैं अपने दोस्तों से मिलने और उनसे बात नहीं कर पाती थी. लेकिन अब मैं खुश हूं क्योंकि मैं हर दिन उनसे मिल सकती हूं. न केवल छात्र बल्कि अभिभावक भी इससे बहुत खुश हैं क्योंकि अब छात्र अधिक अनुशासित हैं और अपना सारा समय टीवी के सामने नहीं बिताते हैं.बच्चे अनुशासित हो गए हैं, साथ ही वो पढ़ाई भी कर रहे हैं. सुबह क्लास होती है इसलिए वो जल्दी उठते हैं और स्कूल रूटीन की तरह काम करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अब वे टीवी के सामने बहुत समय नहीं बिताते हैं. बच्चे अपना क्लासवर्क और होमवर्क प्रतिदिन पूरा करते हैं.

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