औपचारिक और अनौपचारिक ऋणो में तीन अंतर
Answers
Answer:
1.औपचारिक ऋण बैंक और सरकारी संस्थाओं से लेते है।
2. इनकी ब्याज दर कम होती है।
3. औपचारिक ऋण सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता के लिए कम दर पर दिए जाते है। ये किसी कागजात को रखकर दिए जाते है। जैसे किसी को ऋण चाहिए तो वह अपनी जमीन या अन्य प्रकार के कागज़ बैंक में जमा करेगा तब बैंक उसे ऋण देगी।
1.अनौपचारिक ऋण के स्रोत साहूकार, रिश्तेदार आदि होते है।
2. इसके ब्याज की दर ज्यादा होती है।
3. कर्ज न चुकाने पर साहूकार उस व्यक्ति की संपति पर कब्जा कर लेता है और वो व्यक्ति कर्ज के जाल में फंसता जाता है।
Explanation:
ओ
Answer:
question:⤵️
ऋण के औपचारिक और अनौपचारिक स्त्रोतों के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए
Answer:⤵️
★ऋण के औपचारिक स्रोत :
(i) ये सरकार द्वारा पंजीकृत होते है जैसे बैंक और सहकारी समितियाँ।
(ii) इनका ब्याज दर निश्चित होती है। (iii) औपचारिक ऋण के स्रोतों से ऋण लेने पर शोषण नहीं होता है।
(iv) इसकी निगरानी RBI करती है और इनका उद्देश्य सामाजिक कल्याण के लिए ऋण प्रदान करना है |
★ऋण के अनौपचारिक स्रोत :
(i) ये सरकार द्वारा पंजीकृत नहीं होते है जैसे - साहूकार, व्यापारी और रिश्तेदार आदि |
(ii) इनका ब्याज दर निश्चित नहीं होता है | (ii) अनौपचारिक ऋण के स्रोतों से ऋण लेने पर शोषणहोता है ।
(iv) इनकी निगरानी RBI नहीं करती है और इनका उद्देश्य केवल लाभ कमाने के लिए होता है |