औपचारिक पत्र format in hindi
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Answer:
श्रीमान प्रधानाचार्य जी,
राजकीय सह शिक्षा उच्च माध्यमिक विद्यालय,
कीदवई नगर, कानपुर,
विषय :- अवकाश के लिए प्राथना पत्र
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा आठवीं ए का छात्र हूँ। कल शाम से मैं उच्च ज्वर से पीड़ित हूँ। उच्च ज्वार के कारण मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूँ। डॉक्टर ने मुझे अगले 5 दिनों तक बिस्तर पर आराम करने की सलाह दी है। मैं अगले पांच दिन विद्यालय में अनूपस्थित रहूँगा। कृपया मुझे क्षमा करें और मुझे अगले पांच दिनों का अवकाश प्रदान करें। मैं आजीवन आपका आभारी रहूँगा।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी
मनीष शर्मा
कक्षा आठवी ए
रोल नंबर 28
HOPE IT HELPS DEAR THANKU
औपचारिक-पत्र (प्रारूप) के निम्नलिखित सात अंग होते हैं -
(1) 'सेवा में' लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिख कर पत्र की शुरुआत करें।
(2) विषय - जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें।
(3) संबोधन - जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।
(4) विषय-वस्तु- इसे दो अनुच्छेदों में लिखना चाहिए-
पहला अनुच्छेद – "सविनय निवेदन यह है कि" से वाक्य आरंभ करना चाहिए, फिर अपनी समस्या के बारे में लिखें।
दूसरा अनुच्छेद – "आपसे विनम्र निवेदन है कि" लिख कर आप उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) रखते हैं, उसे लिखें।
(5) हस्ताक्षर व नाम- धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।
(6) प्रेषक का पता- शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड आदि।
(7) दिनांक।
औपचारिक-पत्र की प्रशस्ति (आरम्भ में लिखे जाने वाले आदरपूर्वक शब्द), अभिवादन व समाप्ति में किन शब्दों का प्रयोग करना चाहिए-
प्रशस्ति (आरम्भ में लिखे जाने वाले आदरपूर्वक शब्द) – श्रीमान, श्रीयुत, मान्यवर, महोदय आदि।
अभिवादन – औपचारिक-पत्रों में अभिवादन नहीं लिखा जाता।
समाप्ति – आपका आज्ञाकारी शिष्य/आज्ञाकारिणी शिष्या, भवदीय/भवदीया, निवेदक/निवेदिका, शुभचिंतक, प्रार्थी आदि।
औपचारिक-पत्र के उदाहरण -
प्रधानाचार्य को लिखे गए प्रार्थना-पत्र का प्रारूप-
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
विद्यालय का नाम व पता………….
विषय- (पत्र लिखने के कारण)।
महोदय जी,
पहला अनुच्छेद ………………….
दूसरा अनुच्छेद ………………….
आपका आज्ञाकारी/आज्ञाकारिणी शिष्य/शिष्या,
क० ख० ग०
कक्षा………………….
दिनांक ………………….