Our festivals our sublimity essay in hindi
Answers
Diwali is the most festival of the Hindus most likely by the people
Answer:
हमारा देश विभिन्नताओं के समूह का एक ऐसा देश है, जो अत्यंत दुर्लभ है और अद्भुत भी है। इस दुर्लभता ओर अदभुत स्वरूप में आनंद और उल्ल्लास कि छटा दिखाई देती है। हमारे देश मे जो भी त्यौहार या पर्व मनाए जाते है, उनमे अनेकरूपता दिखाई पड़ती है। कुछ त्यौहार ऋतू ओर मौसम के अनुसार मनाए जाते है, तो कुछ सांस्कृतिक या किसी घटना विशेष से सम्बंधित होकर सम्पन्न होते है।
हमारे देश में त्यौहार का जाल बिछा हुआ है। यो कहा जाए, जो कोई बहुत बड़ी अत्युक्ति अथवा अनुचित बात नहीं होगी कि यहाँ आये दिन कोई-न-कोई त्यौहार पड़ता ही रहता है। ऐसा इसलिए कि हमारे देश के ये त्यौहार किसी एक ही वर्ग, जाती या सम्प्रदाय से ही सम्बंधित नहे होते हैं अपितु ये विभिन्न्न वर्गों, जातियों और सम्प्रदायों के द्वारा सम्पन्न और आयोजित होते रहते है। इसलिए ये त्यौहार धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक होते है। इन सभी प्रकार के त्यौहार का कुछ न कुछ विशिष्ट अर्थ होता है। इस विशिष्ट अर्थ के साथ इनका कोई न कोई महत्व भी अवश्य होता है। इस महत्व में मानव की प्रकृति और दशा किसी-न-किसी रूप में अवश्य झलकती है।
त्यौहरो का महत्तव:- हमारे देश मे त्यौहार का महत्व नःसंदेह है। इन त्यौहार का महत्व समाज और राष्ट्र की एकता-समृधि, प्रेम-एकता, मेल-मिलाप के दृष्टि से है। साम्प्रदायिक -एकता, धार्मिक -समन्वय, सामाजिक-समानता को हमारे भारतीय त्यौहार समय-समय पर घटित होकर हमारे अंदर उतपन्न करते चलते है। जातीय भेद-भावना और संकीर्णता के धुंध को ये त्यौहार अपने अपार उल्लास और आनन्द के द्वारा छिन्न-भिन्न कर देते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह होती है कि ये त्यौहार अपने जन्म-काल से लेकर अब तक उसी पवित्रता और सात्विकता की भावना को संजोए हुए हैं। युग-परिवर्तन और युग का पटाक्षेप ईन त्यौहार के लिए कोई प्रभाव नहीं डाल सका। इन त्यौहार का रूप चाहे बड़ा हो, चाहे छोटा, चाहे एक क्षेत्र विशेष तक ही सीमित हो, चाहे सम्पूर्ण समाज और राष्ट्र को प्रभावित करने वाला हो, अवश्यमेव श्रद्धा और विशवास; नेतिकता ओर विशुद्धता का परिचायक है। इससे कलुषता और हीनता की भावना समाप्त होती है और सच्चाई, निष्कपटता तथा आत्मविश्वास की उच्च ओर श्रेष्ट भावना का जन्म होता है।
उपसंहार:- कहां तक कहे, सभी प्रकार के त्योहार हमें परस्पर एकता, एकरसता , एकरूपता और एकात्मकता का पाठ पढ़ाते है। यही कारण है कि हम हिन्दू, मुसलमानो, ईसाइयों, सिखों आदि के त्योहार और पर्वो को अपना त्योहार, पर्व मान करके उसमें भाग लेते है और ह्रदय से लगाते हैं। इसी तरह से मुसलमान, सिक्ख, ईसाई भी हमारे हिन्दू त्योहार-पर्वों को तन-मन से अपना करके अपनी अभिन्न भावनाओं को प्रकट करते है। अतएव हमारे देश के त्योहारो का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत अधिक है। राष्टीय महत्व की दृष्टी से 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर, 14 नवम्बर का महत्व अधिक है। संक्षेप में हम कह सकते है कि हमारे देश के त्योहार विशुद्ध प्रेम, भेदभाव और सहानुभूति का महत्वाकांक्षी करते है।