our national game hockey essay in hindi plz tell me
Answers
Answer:
हॉकी', भारत का राष्ट्रीय खेल है। हॉकी एक खेल होता है जिसमें दो टीम एक-दूसरे के विरुद्ध खेलती हैं एवं हॉकी स्टिक की मदद से विरोधी के खेमे में गेंद गोल में डालकर गोल करने का प्रयास करती हैं। हॉकी के वर्तमान में अनेक प्रकार हैं, यथा- फील्ड हॉकी, आइस हॉकी, रोलर हॉकी, स्लेज हॉकी और स्ट्रीट हॉकी।
भारत में हॉकी का खेल बहुत पुराना एवं प्रिय है। ओलंपिक खेलों में हॉकी में भारत का गौरवपूर्ण स्थान रहा है। 1928 से 1956 तक का समय भारतीय हॉकी के लिहाज से स्वर्णिम रहा है। इस दौरान भारत ने 6 स्वर्ण पदक लगातार हॉकी स्पर्धा में प्राप्त किये।
Answer:
हॉकी मैदान में खेले जाना खेल है, जिसे 11-11 खिलाड़ियों को रखने वाली दो टीमों के द्वारा खेला जाता है। इसे भारत का राष्ट्रीय खेल इसिलिए चुना गया है क्योंकि भारत हॉकी में कई सालों तक विश्व विजेता रहा था। हॉकी को आधिकारिक रुप से राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया गया है हालांकि, इसे केवल भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है, क्योंकि भारत ने हॉकी में बहुत से स्वर्ण पदकों को जीता है। यह पूरे संसार में बहुत से देशों के द्वारा खेला जाता है। यह बहुत ही मँहगा खेल नहीं है और किसी भी युवा के द्वारा खेला जा सकता है। यह बहुत ही रुचि और आनंद का खेल है, जिसमें बहुत ज्यादा गतिविधियाँ और अनिश्चितताएं शामिल होती हैं। यह रफ्तार का खेल है और परिस्थितियाँ बहुत शीघ्र बदलती है, जो आश्चर्य पैदा करती है।
भारत में हॉकी का महत्व
हॉकी भारत में बहुत महत्वपूर्ण खेल है क्योंकि भारत को हॉकी के क्षेत्र में कई वर्षों तक विश्व विजेता बनाया है, इसलिए इसे भारत के राष्ट्रीय खेल के रुप में चुना गया है। इस खेल का इतिहास बड़ा और महान है, क्योंकि यह बुद्धिमान खिलाड़ियों द्वारा भारत की जड़ों में गहराई तक समाया हुआ है। यह भारत के प्राचीन ज्ञात खेलों में से एक है हालांकि, इसकी जड़े अब योग्य हॉकी खिलाड़ियों और आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण कमजोर हो गई हैं। इस खेल के अस्तित्व को प्राचीन ओलम्पिक खेलों से पहले 1200 साल पुराना खेल माना जाता है।
पहले समय में, यह अलग तरीकों के साथ खेला जाता था हालांकि, अब इसे मैदानी हॉकी के रुप में खेला जाता है, जो 19वीं सदी में ब्रिटिश द्वीपों में विकसित हुआ था। यह अंग्रेजी विद्यालयों में खेला जाने वाला खेल था, जो भारत में ब्रिटिश सेना के द्वारा लाया गया था। इसके बाद, यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर फैल गया और इसने विश्व भर में प्रसिद्धी प्राप्त कर ली। इस खेल को नियंत्रित करने और अपने नियमों का मानकीकरण करने के लिए, लंदन हॉकी एसोसिएशन का गठन किया गया था। बाद में, अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (1924 में) और महिला हॉकी के अंतर्राष्ट्रीय महासंघ का गठन किया गया।
भारत में सबसे पहले हॉकी क्लब कलकत्ता (1885-86) में गठन किया गया था। भारतीय खिलाड़ियों ने अपने सफल ओलम्पिक खेल की शुरुआत 1928 के एम्सटर्डम में की थी, जहाँ उन्होंने हॉकी में स्वर्ण पदक जीता था। यह एक शानदार भारतीय हॉकी खिलाड़ी, जिनका नाम ध्यानचंद था, की वजह से हुआ। उन्होंने वास्तव में एम्सटर्डम की भीड़ के सामने सभी भारतीयों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। भारत लगातार हॉकी के अपने स्वर्ण युग के दौरान छह ओलम्पिक स्वर्ण पदक और लगातार 24 हॉकी मैच जीता था। हॉकी के स्वर्णिम युग के उत्कृष्ट खिलाड़ियों में से कुछ ध्यानचंद, बलबीर सिंह, अजीत पाल सिंह, अशोक कुमार, ऊधम सिंह, धनराज पिल्लै, बाबू निमल, मोहम्मद शाहिद, गगन अजीत सिंह, लेस्ली क्लॉडियस, आदि थे।
वन्देमातरम्