Hindi, asked by sarojinibarla0, 5 months ago

और वह जा न सकी एकांकी की समीक्षा कीजिए?(20 mark )​

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Answered by Anonymous
5

Question:- वह जा न सकी एकांकी की समीक्षा कीजिए?⤵

Answer:-⤵

1 अंक वाले नाटकों को एकांकी कहते हैं

Answered by qwstoke
4

और वह जा सकी एकांकी की समीक्षा:

" और वह न हो सकी" एकांकी विष्णु प्रभाकर जी की रचना है।

  • इस एकांकी के पात्र है, शैलेन्द्र जो एक लेखक है, उनकी पत्नी शारदा व उनका एक बेटा है शरत।
  • इस एकांकी में एक माध्यम वर्गीय परिवार की कहानी दर्शाई गई है।
  • शैलेन्द्र की आमदनी लेखन कार्य से ज्यादा नहीं हो पाती है , इस कारण आए दिन घर में पैसों की दिक्कत होने लगी थी।
  • शैलेन्द्र अपने मित्रों को खाने कर बुलाया करता, एक दिन उसने पांच लोगों को खाने कर बुला लिया, उस दिन घर में आटा खत्म हो चुका था, शारदा ने सोने बेटे शरत को अपनी पड़ोसन शशि के यहां आटा लाने भेजा, पहले तो शशि ने आटा देने से मना कर दिया फिर वह स्वयं ही उनके घर आटा देने आयी, इस घटना से शारदा बहुत दुखी हो गई व उसने घर छोड़ने का फैसला किया। घर में उन तीन लोगों के खाने के लाले पड़े थे ऊपर से शैलेन्द्र का लोगों को खाने कर बुलाना शारदा को अखरने लगा। शैलेन्द्र पूरा दिन अपने लेखन कार्य में मग्न रहता था, घर की ओर ध्यान भी नहीं दे पाता था।

  • इसके बाद की कहानी में एक भारतीय नारी की मनोदशा का वर्णन किया गया है कि एक बार वह जिस घर में आ जाती है, उस घर को वह छोड़ कर नहीं जा सकती चाहे कितनी मुश्किलें आ जाए।
  • शारदा अपने घर को छोड़कर न ना सकी इसलिए यह शीर्षक " और वह न जा सकी " के लिए सार्थक शीर्षक है।
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