History, asked by jhss257, 1 year ago

पंच महायज्ञ कौन से हैं?

Answers

Answered by Anonymous
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पाँच महायज्ञों में ब्रह्मयज्ञ में वेद का उपदेश है, पितृयज्ञ पूर्वजों के लिए समर्पित है, देवयज्ञ देवों के लिए समर्पित है, भूतयज्ञ परोपकार के लिए समर्पित है, और नृयज्ञ या आतिथ्ययज्ञ मेहमानों के लिए समर्पित है।

Answered by itzsakshii
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Explanation:

पंच महायज्ञ हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्त्वपूर्ण बताये गए हैं। धर्मशास्त्रों ने भी हर गृहस्थ को प्रतिदिन पंच महायज्ञ करने के लिए कहा है। नियमित रूप से इन पंच यज्ञों को करने से सुख-समृद्धि व जीवन में प्रसन्नता बनी रहती है। इन महायज्ञों के करने से ही मनुष्य का जीवन, परिवार, समाज शुद्ध, सदाचारी और सुखी रहता है।

पंच यज्ञ की महत्ता

पर्याप्त धन-धान्य होने पर भी अधिकांश परिवार दु:खी और असाध्य रोगों से ग्रस्त रहते हैं, क्योंकि उन परिवारों में पंच महायज्ञ नहीं होते। मानव जीवन का उद्देश्य धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति है। इन चारों की प्राप्ति तभी संभव है, जब वैदिक विधान से पंच महायज्ञों को नित्य किया जाये। पंच महायज्ञ का उल्लेख 'मनुस्मृति' में मिलने पर भी उसका मूल यजुर्वेद के शतपथ ब्राह्मण हैं। इसीलिये ये वेदोक्त है। जो वैदिक धर्म में विश्वास रखते हैं, उन्हें हर दिन ये 5 यज्ञ करते रहने के लिए मनुस्मृति में निम्न मंत्र दिया गया है-

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