पांच साल का एक छोटा बच्चाअपनी माँ से भोजन मांगता है | गरीब माँ बेटे को बहलाते हुए कहा - "जब भगवान् भोजन देंगे तब मै तुम्हे दूंगी" " भगवान् के पास क्या बहुत सारा खाना है?" बच्चे ने पुछा| हाँ बेटा- माँ ने कहा| उसी उम्र से वह भगवान् की भक्ति में लीन होगया| लगन और विश्वास इतना बढ़ गया की भूख ....... इस कहानी को आगे बढाते हुए एक लघुकथा लिखिए
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5 वर्षीयएक छोटा बल बालक अपनी मां से भोजन मांगता है गरीब मां भोजन की व्यवस्था नहीं कर पाती तो गरीब मां बेटे से बोलती है वह लाते हुए बोलती है जब भगवान भोजन देंगे तब मैं तुम्हें दूंगी भगवान के पास क्या बहुत सारा खाना है बच्चे ने पूछा हां बेटा मां ने कहा उसी उम्र से वह भगवान की भक्ति में लीन हो गया लग्न और विश्वास इतना बढ़ गया कि भूख प्याज उसे फीकी लगनी पड़ी वह खाली पानी पीता और अपनी प्यास बजाता प्याज के साथ-साथ वह अपना पेट भी भर लेता पानी सेठ वह इतना लीन रहता कि वह स्कूल के पीछे से जाकर चुपचाप पढ़ाई करता जब वह पढ़ाई करता हूं तो वहउसके पास पैसे नहीं थी ताकि वह स्कूल पढ़ सके परंतु उसकी मां उसके फॉर्म भरने के लिए पैसे लाए जब उसने फॉर्म भरा तो उसने फर्स्ट रैंक पाई जब उसने फर्स्ट टाइम पाई तो भगवान ने उसे अपने आप ही सारा का भोजन का व्यवस्था कर दी इसलिए कहते हैं पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब।
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