पंचलाइट' कहानी के नायक का चरित्र-चित्रण
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what is the question.....
'पंचलाइट' कहानी का नायक ‘गोधन’ है, जिसके चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ उल्लेखनीय हैं।
i) युवक की स्वाभाविक प्रवृत्ति गोधन युवा है:- अत: उसके व्यक्तित्व में युवा वर्ग की कुछ स्वाभाविक प्रवृत्तियाँ निहित हैं। वह मनचला एवं लापरवाह युवक है। वह फिल्मी गाने गाता है। मुनरी से प्रेम करता है और बाहर से आकर बसने के बावजूद पंचों के खर्च के लिए उन्हें कुछ देता नहीं है। यह कहना अधिक उचित होगा कि वह एक अल्हड़ ग्रामीण युवा है।
(ii) गुणवान व्यक्तित्व गोधन अशिक्षित है, लेकिन उसमें गुणों की कमी नहीं है :- वह पूरे महतो टोली में एकमात्र ऐसा व्यक्ति है, जो पेट्रोमैक्स जलाना जानता है। वह अत्यन्त चतुर भी है। वह अपनी इस विशेषता को मुनरी को बता देता है, जो इसे सरदार तक पहुँचा देती है। गोधन इतना काबिल है कि वह बिना स्पिरिट के ही गरी अर्थात् नारियल के तेल से पेट्रोमैक्स जला देता है। इससे उसकी बौद्धिकता का भी पता चलता है।।
(iii) स्वाभिमानी गोधन है :- इसलिए हुक्का-पानी बन्द करने के बाद जब छड़ीदार उसे बुलाने जाता है, तो वह आने से इनकार कर देता है।। हुक्का-पानी बन्द करने को वह अपना अपमान समझता है। जिस गुलरी काकी के कहने पर उसे सज़ा सुनाई गई थी, उन्हीं के मनाने पर वह ‘पंचलैट’ जलाने के लिए आता है।
(iv) अपने समाज की प्रतिष्ठा के प्रति संवेदनशील गोधन अपने समाज की मान-प्रतिष्ठा के प्रति अत्यन्त संवेदनशील है। जिस समाज या पंचायत ने उसका हुक्का-पानी बन्द कर दिया था, उसी समाज की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए वह अपने अपमान को भूल जाता है। बिना स्पिरिट के ही पंचलैट जलाकर वह अपने समाज, जाति एवं पंचायत की मान-प्रतिष्ठा की रक्षा करता है।
(v) गोधन का व्यक्तित्व अत्यन्त निर्भीक है :- वह किसी से बिना डरे मुनरी के प्रति अपने प्रेम को अभिव्यक्त कर देता है। इस प्रकार, कहा जा सकता है कि गोधन का चरित्र ग्रामीण परिवेश में पलने-बढ़ने वाले किसी सामान्य युवा लड़के से मिलता-जुलता होने के साथ-साथ उसमें वह बौद्धिकता एवं विवेकशीलता भी मौजूद है, जो उसे आधुनिकता की ओर ले जाती है।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि गोधन एक स्वाभाविक प्रवृत्ति वाला गुणवान, स्वाभिमानी, संवेदनशील व निर्भीक युवक है।