Hindi, asked by lousistron913, 11 months ago

पिछले 15-20 सालों में पर्यावरण से छेड़-छाड़ के कारण भी प्रकृति - चक्र में बदलाव आया है, जिसका परिणाम मौसम का असंतुलन है। वर्तमान बाड़मेर (राजस्थान) में आई बाढ़, मुंबई की बाढ़ तथा महाराष्ट्र का भूकंप या फिर सुनामी भी इसी का नतीजा है। इस प्रकार की घटनाओं से जुड़ी सूचनाओं, चित्रों का संकलन कीजिए और एक प्रदर्शनी का आयोजन कीजिए, जिसमें बाजार दर्शन पाठ में बनाए गए विज्ञापनों को भी शामिल कर सकते हैं। और हांँ ऐसी स्थितियों से बचाव के उपाय पर पर्यावरण विशेषज्ञों की राय को प्रदर्शनी में मुख्य स्थान देना ना भूलें।

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Answered by Anonymous
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Answer:

पर्यावरण में परिवर्तन

Explanation:

पिछले कुछ सालों में केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में पर्यावरण में बोहोत परिवर्तन आरहे हैं।गर्मी के मौसम में असामान्य गर्मी,मॉनसून के समय असमान्य मूसलाधार बारिश और असमान्य ठंड और बर्फबारी।

इस वर्ष २०२० में तो ठंड कम ही नहीं होने में आ रही।बल्कि हर महीने ठंड बढ़ती ही जा रही है।

मौसम में आए परिवर्तन कोई सामान्य परिवर्तन नहीं हैं बल्कि ये सब पूरे विश्व में जलवायु परिवर्तन के संकेत हैं जिसके कारण पूरे विश्व में ज़बरदस्त भूकंप,सुनामी,सूखा,बाद आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के आने की आहट है।

इसीलिए हमें आप कुदरत के आक्रोश को समझकर केवल वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए।पेड़ पौधे धरती के जल को बचाकर रखते हैं।धरती को उपजाऊ बनकर रखते हैं और मौसम को सैयम में रखते हैं जिससे प्राकृतिक आपदाएं नहीं आती हैं।

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