Hindi, asked by monalijena88, 7 months ago

पौ फटते ही ज्यों मचाए,
बिहम डाल पर शोर,
शीतल मंद बयार जगाती,
चल उठ हो गई भोर।
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Answered by shishir303
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पौ फटते ही ज्यों मचाए,

बिहम डाल पर शोर,

शीतल मंद बयार जगाती,

चल उठ हो गई भोर।

भावार्थ ➲  अर्थात सुबह होते ही चिड़िया जैसे ही पेड़ की डाल ऊपर चहचहाने लगती हैं और चारों तरफ धीमी और ठंडी-ठंडी धीमी हवा बहने लगती है। तब चिड़ियों की चहचहाट की आवाज और ठंडी बहती हवा के एहसास से पता चलता है कि अब सुबह हो चुकी है, अब अपने दैनिक कार्यों पर लगा जाए।

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