पुजारी की शक्ति मूर्ति में कैसे विकसित होने लगी
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उसमें चेतना डालने का काम पुजारी करता है । मूर्ति की पूजा करने का अर्थ ही उसे चेतनवंत बनाता है । पूजा करते समय पूजारी की भावना में जितनी उत्कटता होगी, मूर्ति उतनी ही प्रभावशाली होगी । पुजारी की भावपूजा की शक्ति से ही धीरे-धीरे मूर्ति में शक्ति विकसित होने लगती है ।
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