पंक में जन्म लेने वाले का सामासिक शब्द का समास लिखिए
Answers
Answer:
व्याकरण समास
परिचय :
समास के माध्यम से भी नए शब्दों की रचना की जाती है। समास का अर्थ है-संक्षेपीकरण। इसके अंतर्गत दो या दो से अधिक पदों को मिलाकर विभिन्न तरीकों से एक नए शब्द की रचना की जाती है। इस क्रम में शब्दों की विभक्तियों, योजक शब्दों आदि को हटाकर बचे शब्दों को पास-पास लाया जाता है। इसी प्रक्रिया को समास कहा जाता है।
परिभाषा :
दो या दो से अधिक शब्दों को निकट लाने से नए शब्दों की रचना को समास कहते हैं।
उदाहरण –
तुलसी के द्वारा लिखा गया = तुलसीकृत
पानी में डूबा हुआ = जलमग्न
राह के लिए खर्च = राहखर्च
चार आनन का समूह = चतुरानन
लंबा उदर है जिसका अर्थात गणेश जी = लंबोदर
पूर्व एवं उत्तर पद – समास रचना में दो पद होते हैं। इनमें से पहले पद को पूर्वपद एवं बाद वाले पद को उत्तर पद कहते हैं।
समस्त पन्द्र – समास प्रक्रिया में बने नए शब्द को समस्त पद कहते हैं। यह पूर्वपद एवं उत्तर पद का मेल होता है।
इन्हें निम्नलिखित द्वारा समझा जा सकता है –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 1
समास विग्रह – समस्त पद के पदों को पहले जैसी दशा में लाना समास-विग्रह कहलाता है। जैसे –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 2
समास के भद – समास के छह भेद माने जाते हैं। इनके नाम हैं –
अव्ययीभाव समास
तत्पुरुष समास
द्वंद्व समास
कर्मधारय समास
द्विगु समास
बहुव्रीहि समास
1. अव्ययीभाव समास जिस समास में पहला पद प्रधान और दूसरा गौण होता है, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। इस समास में पूर्वपद अव्यय तथा उत्तर पद संज्ञा या विशेषण होता है। इससे समस्तपद अव्यय का काम करता है।
जैसे –
आ (अव्यय) + जीवन (संज्ञा) = आजीवन
प्रति (अव्यय) + एक (विशेषण) = प्रत्येक
अन्य उदाहरण –
2. तत्पुरुष समास :
जिस समास का उत्तर पद प्रधान तथा पूर्वपद गौण होता है, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।
जैसे –
मोक्षप्राप्त – मोक्ष को प्राप्त
बिहारी रचित – बिहारी द्वारा रचित
रणभूमि – रण की भूमि
अध्ययनरत – अध्ययन में रत (लीन)
( क ) कर्म तत्पुरुष-जिस समास के पूर्व पद में कर्म कारक के विभक्ति चिह्न ‘को’ का लोप हो, उसे ‘कर्म तत्पुरुष’ कहते
(ख) करण तत्पुरुष-जिस समास के पूर्व पद में करण कारक के विभक्ति चिह्न ‘से, के द्वारा’ का लोप हो उसे करण तत्पुरुष कहते हैं; जैसे –
(ग) संप्रदान तत्पुरुष-जिस समास के पूर्व पद में संप्रदान कारक विभक्ति चिह्न ‘को’ ‘के लिए’ का लोप होता है, उसे संप्रदान तत्पुरुष कहते हैं; जैसे –
(घ) अपादान तत्पुरुष- जिस समास के पूर्व पद में अपादान कारक के विभक्ति चिह्न ‘से अलग’ का लोप होता है उसे अपादान तत्पुरुष समास कहते हैं; जैसे –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 12
(ङ) संबंध तत्पुरुष-जिस समास के पूर्व पद में संबंध कारक के विभक्ति चिह्न ‘का’, ‘की’, ‘के’, ‘रा’, ‘री’, ‘रे’ का लोप होता है, उसे संबंध तत्पुरुष कहते हैं; जैसे –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 13
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 14
(च) अधिकरण तत्पुरुष-जिस समास में अधिकरण कारक के विभक्ति-चिह्न ‘में’, ‘पर’ का लोप हो, उसे अधिकरण तत्पुरुष समास कहते हैं; जैसे –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 15
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 16
3. वंद्व समास :
जिस समास में न पूर्व पद प्रधान होता है और न उत्तर पद, बल्कि दोनों ही पद समान होते हैं, उसे दवंदव समास कहते हैं। इस समास में दो शब्दों के निकट आ जाने से उनको मिलाने वाले ‘और’ या अन्य समुच्चयबोधक अव्ययों का लोप हो जाता है, जैसे –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 17
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 18
4. कर्मधारय समास
जिस समास में एक पद उपमेय अथवा विशेषण और विशेष्य हो, उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
(क) विशेषण-विशेष्य
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 19
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 20
(ख) उपमेय-उपमान
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 21
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 22
5. द्विगु समास :
जिस समस्त पद का पहला पद संख्यावाचक होता है उसे द्विगु समास कहते हैं; जैसे –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 23
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 24
6. बहुव्रीहि समास :
जिस समास में न पूर्वपद प्रधान होता है न उत्तरपद, बल्कि अन्य पद की ओर संकेत करते हैं, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। जैसे-पंकज समस्त पद का विग्रह हुआ – पंक + ज। अर्थात् – पंक (कीचड़) में जन्म लेता है जो। पंक में मछली, घोंघा, सीप, कीड़े-मकोड़े घास आदि-आदि पैदा होते हैं परंतु यहाँ पंकज ‘कमल’ के अर्थ का बोध कराता है। यह ‘कमल’ प्रधान होने के कारण यहाँ बहुव्रीहि समास है।
अन्य उदाहरण –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 25
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 26
अभ्यास-प्रश्न
1. नीचे दिए गए समस्त पदों का विग्रह करके समास का नाम भी लिखिए –
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 27
CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास 28
उत्तरः
(i) माता और पिता – वंद्व समास
(ii) पशुरूपी धन – कर्मधारय समास
(iii) बुरी है मति – कर्मधारय समास
(iv) प्रधान है अध्यापक – कर्मधारय समास
(v) चक्र को धारण करता है अर्थात् विष्णु – कर्मधारय समास
(vi) उद्योग का पति – संबंध तत्पुरुष
(vii) दो पहरों का समूह – द्विगुसमास
(viii) गण अर्थात् समूह का पति है जो अर्थात् गणेश जी – बहुव्रीहि समास
(ix) नीति में निपुण – अधिकरण तत्पुरुष
(x) जितना शीघ्र हो सके – अव्ययीभाव समास
(xi) पंक में जन्म लेता है जो अर्थात कमल – बहुव्रीहि समास
(xii) तीन लोचन है जिसके अर्थात शिव जी – बहुव्रीहि समास
(xiii) कन्यारूपी धन – कर्मधारय समास
(xiv) धन के समान श्याम – कर्मधारय समास
(xv) हाथ ही हाथ में – अव्ययीभाव समास
(xvi) नौ निधियों का समूह – द्विगु समास
(xvii) चार आनों का समूह – द्विगु समास
(xviii) कमल के समान नयन हैं जिसके अर्थात् श्रीराम – बहुव्रीहि समास
(xix) नीला है गगन – कर्मधारय समास
(xx) पाँच आवों का समूह
Ples brinlent for me