Science, asked by neenirvik1152, 1 year ago

पीला फास्फोरस पानी में रखा जाता है। ऐसा क्यों? और लाल फास्फोरस में इसे कैसे बदला जा सकता है?

Answers

Answered by qwtiger
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Peela phosphorus asal me kaafi jyada reactive hota hai, yeh hawa ke sampark me aate hi aag pakad leta hai, is wajah se isse paani k andar hi rakha jaata hai. Peela phosphorus twacha ke liye bhi haanikarak ho sakta hai issliye isse chimte se pakda jaata hai.

Peele phosphorus ko laal me badalne k liye usse 2600°C par oxygen ki anupasthiti me react karaaya jaata hai.

Answered by GauravSaxena01
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Answer:-

  • श्वेत फॉस्फोरस परमाणुओं के बीच का बंधन अपेक्षाकृत कमजोर होता है। यह रंगहीन मोम जैसा मुलायम रवेदार ठोस पदार्थ होता है। इसे प्रकाश में छोड़ देने पर यह धीरे-धीरे पीला हो जाता है। इस कारण इसे पीला फॉस्फोरस भी कहते हैं।  
  • इसमें लहसून (Garlic) जैसी गंध होती है। यह एक विषैला पदार्थ होता है। यह जल में अघुलनशील किन्तु कार्बन डाइसल्फाइड (CS2) में घुलनशील होता है। यह हवा में स्वतः जल उठता है। अतः इसे जल के अंदर डुबाकर रखा जाता है।  
  • यह अन्धेरे में आर्द्र वायु के संपर्क में आकर हल्के पील रंग का प्रकाश देता है। इस घटना को स्फुरदीप्ति (Phosphorescence) कहते हैं।  
  • फॉस्फोरस के सभी अपरूपों में शवेत फॉस्फोरस सर्वाधिक अभिक्रियाशील होता है। साधारण ताप पर श्वेत फॉस्फोरस P4 अणु के रूप में पाया जाता है।
  • पीले फास्फोरस का ज्वलनांक बहुत कम (34°C) होता है। यह बहुत क्रियाशील तत्व है, जो वायु में जलकर अपना ऑक्साइड बनाता है, इसलिए इसे पानी में रखा जाता है।
  • पीले से लाल फास्फोरस बनाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड या नाइट्रोजन की उपस्थिति में पीले फास्फोरस को 250°C पर गर्म करना होता है।  

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@GauravSaxena01

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