पुलिस की डियूटी एवं कर्तव्य पर विस्तृत निबंध
Answers
जिस प्रकार सैनिक विदेशी शत्रुओं से देश की रक्षा करते हैं, उसी प्रकार राष्ट्र-विरोधी तत्त्वों से पुलिस हमारी रक्षा करती है । प्रत्येक राष्ट्र के अपने कानून होते हैं । देश के नागरिक उन कानूनों का पालन करते हैं ।
परन्तु कुछ लोग देश के कानून की अवहेलना कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहते हैं, पुलिस विभिन्न अपराधों में उनका चालान कर न्यायालय में प्रस्तुत करती है । पुलिस की अनेक श्रेणियाँ होती हैं । हमारे देश में केन्द्रिय रिजर्व पुलिस, यातायात पुलिस, सामान्य पुलिस, सशस्त्र पुलिस और गुप्तचर पुलिस आदि अनेक प्रकार की पुलिस हैं । प्रत्येक राज्य में अपनी अलग अलग पुलिस है ।
पुलिस में शिक्षित, स्वस्थ और ऊँचे कद के जवान होते हैं । उन की वर्दी प्राय: खाकी होती है । प्रत्येक राज्य में कई पुलिस लाइनें होती हैं, जहाँ पुलिस के जवान रहते हैं । पुलिस चौकियों पर वे अपने कार्य काल के दौरान तैनात रहते हैं ।
पुलिस का कार्य बड़ा कठिन है । राजनेताओं की विभिन्न रैलियों के दौरान सुरक्षा और यातायात की व्यवस्था बनाये रखना, जलूसों को शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करना, हड़ताल, धरनों और बंद के दौरान असामाजिक तत्त्वों से राष्ट्र की सम्पत्ति की रक्षा करना, राजनेताओं की व्यक्तिगत सुरक्षा करना, चोर डकैतों और लुटेरों से आम नागरिक की रक्षा करना पुलिस का दायित्व है ।
पुलिस कर्मचारी चौबीस घंटे खतरों से जूझते हैं । चोर डकैतों से मुठभेड़ के दौरान घायल हो जाते हैं । भीड़ के द्वारा पथराव की स्थिति में चोट खाते हैं । सर्दी, गर्मी, बरसात में डयूटी देनी पड़ती है । विभिन्न प्रकार के अपराधियों को पकड़ना और न्यायालय में प्रस्तुत करना पुलिस का कार्य है ।
व्यक्तिगत झगड़ों में हस्तक्षेप कर समझौता कराना, चोरी गये माल को बरामद कराना भी पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है । अन्य कर्मचारियों की तुलना में पुलिस कर्मचारियों के वेतनमान बहुत अच्छे हैं । उन्हें एक महीने का अतिरिक्त वेतन और विशेष भत्ते भी दिये जाते हैं । उन में अधिकांश को सरकारी आवास आबंटित किये जाते हैं ।
ये सब सुविधाएं उन्हें इसलिए दी जाती है कि वे निश्चिंत होकर अपने कर्त्तव्य का पालन कर सकें । उन्हें ड्यूटी के दौरान साइकिल, मोटर साइकिल कार और जीप उपलब्ध कराई जाती है । प्रत्येक थाने में टेलीफोन की व्यवस्था है । अपराधियों से निपटने के लिए उन्हें हथियार उपलब्ध कराये जाते हैं ।
अन्य सरकारी कर्मचारियों की तुलना में पुलिस का कार्य विशेष महत्त्वपूर्ण होता है । समाज में कानून और व्यवस्था को बनाये रखना, सशक्त से अशक्त की रक्षा करना, उनका कानूनी ही नहीं नैतिक दायित्व भी है पर कानून और व्यवस्था के नाम पर कभी-कभी कुछ कर्मचारी रक्षक के स्थान पर भक्षक बन जाते हैं । इससे पुलिस की छवि खराब होती है ।
अधिकारों की आड़ लेकर किसी को सताना, अपराध स्वीकार कराने के नाम पर अभियुक्त को पीट-पीटकर मार डालने के समाचार संभ्रात नागरिकों में भय व्याप्त करते हैं । इससे लोगों में पुलिस के प्रति अविश्वास उत्पन्न होता है । कभी-कभी चलचित्र भी पुलिस की छवि ठीक ढंग से प्रस्तुत नहीं करते ।
कर्त्तव्यनिष्ठ पुलिस कर्मचारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक देकर सम्मानित करते हैं । नागरिकों की ओर से भी विशिष्ट कार्य करने वाले पुलिस जनों का नागरिक अभिनन्दन किया जाता है ।
Answer:
एक पुलिस अधिकारी का प्राथमिक कर्तव्य लोगों और संपत्ति की रक्षा करना है। पुलिस के सामान्य कर्तव्यों में यातायात को नियंत्रित करना, पड़ोस में गश्त करना, आपातकालीन कॉल का जवाब देना, उद्धरण लिखना, वारंट पहुंचाना, उल्लंघनकर्ताओं को गिरफ्तार करना और समयबद्ध तरीके से घटना की रिपोर्ट प्रस्तुत करना शामिल है। पुलिस को कभी-कभी अदालत में गवाही देने के लिए भी बुलाया जाता है, जब वे देखी या संभाली जाती हैं। इसके अतिरिक्त, पुलिस के कर्तव्यों में अपराध को रोकने और हल करने में मदद करने के लिए जनता के लिए शैक्षिक आउटरीच शामिल हैं। एक सामान्य दिन क्षेत्राधिकार और एजेंसी प्रकार के आधार पर भिन्न होता है। उदाहरण के लिए, आंतरिक शहर का एक पुलिस अधिकारी आम तौर पर 911 कॉल का जवाब देने और दूरदराज के एक छोटे से शहर की तुलना में अपराधों की जांच करने में अधिक समय व्यतीत करता है।
नैतिक और नैतिक दायित्व
पुलिस अधिकारी के पास नैतिकता, ईमानदारी, जवाबदेही और ईमानदारी महत्वपूर्ण मूल्य हैं। हर समय, पुलिस अधिकारियों को कानून और विभागीय नियमों का पालन करना चाहिए। उदाहरण के लिए, बल का उपयोग उचित और आवश्यक होना चाहिए। उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समान रूप से और न्यायपूर्वक निभाएं। उदाहरण के लिए, पुलिस को पक्षपातपूर्ण या भेदभावपूर्ण तरीके से कार्य नहीं करना चाहिए, यह पहचानते हुए कि सभी नागरिक उदाहरण के लिए, नस्ल, जातीयता, यौन अभिविन्यास, सामाजिक आर्थिक स्थिति, राष्ट्रीय मूल या धर्म की परवाह किए बिना सम्मानजनक उपचार के लायक हैं। पुलिस की आचार संहिता बेईमानी और भ्रष्टाचार पर रोक लगाती है। पुलिस अधिकारी जो ड्यूटी पर या अपने निजी जीवन में गंभीर कदाचार में संलग्न हैं, अनुशासनात्मक कार्रवाई और कानूनी अभियोजन का सामना कर सकते हैं। अपराध पीड़ितों की सहायता करते समय, पुलिस का कर्तव्य है कि वह रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए, अपराधी का पीछा करते हुए और समुदाय में उपलब्ध पीड़ित सेवाओं को समझाते हुए देखभाल, सहृदय और उत्तरदायी हो।