पानी बाढ़े नाव में, घर में बाके दाम ।
दोऊ हाथ उलीचिए, यही सयानो काम।।
यही सयानो काम काम, राम को सुमिरन कीजै ।।
पर स्वास्य के काज, शीश आगे धर दीजै ।।
कह 'गिरीधर कविरायए' बढ़ने की माही बानी।
चलिए चाले सुचाल राखिए अपना पानी।।
(i) कवि ने दोनो हाथों से कब, क्या उलीचने की बात की है और
(2)
(ii) समाना व्यक्ति कौन होता है? वह किस प्रकार का व्यवहार
करता है?
(2)
(iii) “पर-स्वास्थ्य के काज, शीश आगे पर दीजै" पंक्ति का अर्थ
स्पष्ट कीजिए।
(2)
(iv) चलिए चाल सुचाल, राखिए अपना पानी' वाक्यांश में पानी से
कवि का क्या तात्पर्य है?
(2)
क्यो ?
Answers
पानी बाढ़े नाव में, घर में बाके दाम ।
दोऊ हाथ उलीचिए, यही सयानो काम।।
यही सयानो काम काम, राम को सुमिरन कीजै ।।
पर स्वास्य के काज, शीश आगे धर दीजै ।।
कह 'गिरीधर कविरायए' बढ़ने की माही बानी।
चलिए चाले सुचाल राखिए अपना पानी।।
(i) कवि ने दोनो हाथों से कब, क्या उलीचने की बात की है और क्यो ?
➲ कवि ने दोनों हाथों से कवि ने दोनों हाथों से पुलिस ने की बात तब कही है जब ना में पानी भर जाए और घर में धन की मात्रा बढ़ जाए दोनों स्थिति में दोनों हाथों से उलझना चाहिए था ना में पानी भरने पर पानी दोनों हाथों से उलझने से ही रक्षा हो सकेगी उसी तरह घर में जब धन अत्याधिक मात्रा में आने लगे तो खुले हाथों से दान करना चाहिए
(ii) सयाना व्यक्ति कौन होता है? वह किस प्रकार का व्यवहार करता है?
➲ सयाना व्यक्ति समझदार व्यक्ति को कहते हैं, जो अपने घर में पैसे की आवक बढ़ने पर उसका सदुपयोग करते हुए दान करता है, वही सयाना व्यक्ति है।
(iii) “पर-स्वास्थ्य के काज, शीश आगे पर दीजै" पंक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
➲ इन पंक्तियों का अर्थ यह है कि सज्जन और परोपकारी लोगों की विशेषता यही होती है कि वह धन का सदुपयोग करते हैं और धन का सदुपयोग करते हुए दूसरों के कल्याण के कार्य करते हैं, जिससे समाज में उनका मान-सम्मान भी बढ़ता है।
(iv) चलिए चाल सुचाल, राखिए अपना पानी' वाक्यांश में पानी से कवि का क्या तात्पर्य है?
➲ चलिए चाल-सुचाल से कवि का तात्पर्य यह है कि हमेशा अपना आचरण और व्यवहार अच्छा रखना चाहिए ताकि समाज में मान सम्मान बना रहे।
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