Hindi, asked by Sadhurya, 8 hours ago

पानी खरे को खोटा और खोटे को खरा बना देता है। पीतल या चांदी के जेवर में सोने का पानी चढ़ा दिया जाये तो उसकी रौनक अलग ही होती है और जब वह पानी उतर जाता है तो आभूषणकिसी काम का नहीं रहता । पानीदार का महत्व ही अलग होता है, चाहे व्यक्ति हो या अनाज या रत्न। जिसका पानी आबदार है उसी का रूआब है, प्रभाव है, प्रतिष्ठा है। जिसमें पानी ही नहींहै वह व्यक्ति हो या रत्न, किसी काम का नहीं। लोग पानीरहित व्यक्ति को कायर, का पुरुष और न जाने क्या-क्या कहते हैं। चेहरे का पानी चला जाय तो शकल शोभाहीन हो जाती है। आँखोंका पानी उतर जाय, चला जाय, मर जाए तो आदमी निर्लज्ज और बेशर्म हो जाता है। शरीर में पानी का अभाव हो जाए तो वह व्यक्ति नाना प्रकार के रोगों का शिकार हो जाता है। व्यक्तिऔर रत्न तो छोड़िये, चूना जैसी चीज़ भी पानी रहित होने पर बेकार हो जाती है। रहीम कवि ने लिखा था- ‘रहिमन पानी राखिये बिन पानी सब सून। पानी गये न ऊबरे मोती मानस चून।’ 1. लोग पानीरहित व्यक्ति को क्या-क्या कहते हैं ? * 1 point (क) आबदार
(ख) रूआबदार
(ग) कायर
(घ) पानीदार।​

Answers

Answered by shwetambarishirke
2

Answer:

ग ) कायर

hope its helpful for you

Answered by shishir303
0

लोग पानीरहित व्यक्ति को क्या-क्या कहते हैं ?

(क) आबदार

(ख) रूआबदार

(ग) कायर

(घ) पानीदार।​

सही विकल्प होगा...

✔ (ग) कायर

स्पष्टीकरण ⦂

लोग पानी रहित व्यक्ति को कायर बोलते हैं। यहाँ पर कवि रहीम पानी से तात्पर्य इज्जत, सम्मान से है ।जिसने एक बार इज्जत सम्मान गवाँ दिया उसे लोगों जैसे कायर और का-पुरुष पता नहीं क्या-क्या बोलने लगते हैं।

इसलिए जिस व्यक्ति के पास पानी है यानि प्रतिष्ठा है तब तक उसका सम्मान है। जैसे ही उसने अपना प्रभाव गवाँ दिया लोग उसको कायर आदि बोलने लगते हैं। तब उसकी शोभा कम जो जाती है।

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