पानी परात को हाथ छुयो नहीं, नैनन के जल सो पग धोए।" मैं कौन सा अलंकार है? *j
Answers
Answer:
yamak alnakar
Explanation:
i hope yoyr answer
पानी परात को हाथ छुयो नहीं, नैनन के जल सो पग धोए।" मैं कौन सा अलंकार है?
रूपक
अतिश्योक्ति
उपमा
यमक
सही जवाब :
अतिश्योक्ति
व्याख्या :
"पानी परात को हाथ छुयो नहीं, नैनन के जल सो पग धोए।"
इस काव्य पंक्ति में अतिश्योक्ति अलंकार है, क्योंकि इसमे किसी बात का बढ़ा-चढ़ाकर कर वर्णन किया गया है।
अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा में जब किसी चीज का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये तो और सामान्य मर्यादा से ऊपर ऊठकर उस चीज का बढ़ा-चढाकर वर्णन किया जाये यानि सारी सीमायें लांघ दी जायें तो वहाँ अतिश्योक्ति अलंकार होता है।
दी गई पंक्ति में भी घटना का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया गया है, और सामान्य मर्यादा की सीमा लांघ दी गई इसलिए यहाँ पर अतिश्योक्ति अलंकार होगा।
#SPJ3
Learn more:
https://brainly.in/question/54980408
1) जो चाहो चटक न घटे, मैलो होय न मित्त राज राजस न छुवाइये नेह चीकने चित्त ।। इन पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है- (क) श्लेष ((ख) उत्प्रेक्षा (ग) मानवीकरण (घ) अतिश्योक्ति
https://brainly.in/question/55210010
"इधर उठाया धनुष क्रोध में और चढ़ाया उस पर बाण। धरा, सिंधु नभ काँपे सहसा, विकल हुए जीवों के प्राण।।" इस काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है;
(क) श्लेष; (ख) उत्प्रेक्षा; (ग) मानवीकरण; (घ) अतिशयोक्ति;