Hindi, asked by badboy155, 2 months ago

पानी परात को हाथ छुयो नहीं, नैनन के जल सो पग धोए।" मैं कौन सा अलंकार है? *j​

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Answered by surendramehta355
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Answer:

yamak alnakar

Explanation:

i hope yoyr answer

Answered by bhatiamona
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पानी परात को हाथ छुयो नहीं, नैनन के जल सो पग धोए।" मैं कौन सा अलंकार है?

रूपक

अतिश्योक्ति

उपमा

यमक

सही जवाब :

अतिश्योक्ति

व्याख्या :

"पानी परात को हाथ छुयो नहीं, नैनन के जल सो पग धोए।"

इस काव्य पंक्ति में अतिश्योक्ति अलंकार है, क्योंकि इसमे किसी बात का बढ़ा-चढ़ाकर कर वर्णन किया गया है।

अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा में जब किसी चीज का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये तो और सामान्य मर्यादा से ऊपर ऊठकर उस चीज का बढ़ा-चढाकर वर्णन किया जाये यानि सारी सीमायें लांघ दी जायें तो वहाँ अतिश्योक्ति अलंकार होता है।

दी गई पंक्ति में भी घटना का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया गया है, और सामान्य मर्यादा की  सीमा लांघ दी गई इसलिए यहाँ पर अतिश्योक्ति अलंकार होगा।

#SPJ3

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1) जो चाहो चटक न घटे, मैलो होय न मित्त राज राजस न छुवाइये नेह चीकने चित्त ।। इन पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है- (क) श्लेष ((ख) उत्प्रेक्षा (ग) मानवीकरण (घ) अतिश्योक्ति

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"इधर उठाया धनुष क्रोध में और चढ़ाया उस पर बाण। धरा, सिंधु नभ काँपे सहसा, विकल हुए जीवों के प्राण।।" इस काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है;

(क) श्लेष; (ख) उत्प्रेक्षा; (ग) मानवीकरण; (घ) अतिशयोक्ति;

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