"पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए।" पंक्ति में वर्णित भाव का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
Explain this doha please
Answers
Answered by
1
"पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए।'' उक्त पंक्ति में भगवान श्री कृष्ण का अपने परम मित्र सुदामा के प्रति अत्यंत प्रेम प्रकट हुआ है। वह अपने बालसखा की दयनीय दशा को देखकर अत्यंत दुखी हो जाते हैं। वह इतनी दुखी हो जाते हैं कि पानी की बजाए अपने आंसुओं से मित्र के पैरों को ढूंढने लगते हैं।
"HOPE IT HELPS
"PLEASE MARK ME BRAINLIEST ☺️
Answered by
0
Answer:
hope it helps you to explain
Attachments:
Similar questions
Math,
4 hours ago
Business Studies,
7 hours ago
English,
7 hours ago
Math,
7 months ago
English,
7 months ago