) पुनयोगज डी०एन०ए० तकनीकी को सहायता से इन्सुलिन का
उत्पादन हम कैसे कर सकते हैं?
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इन्सुलिन एक प्रोटीन है जिसके अमीनों अम्ल अनुक्रम (प्राथमिक संरचना) के बारे में सर्वप्रथम फ्रेडरिक सेंगर, 1954 ने पता लगाया। यह प्रोटीन दो पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाओं का बना होता है-A श्रृंखला (A chain) तथा B श्रृंखला (B chain), जो आपस में डाइसल्फाइड बंधों द्वारा जुड़ी होती हैं। A श्रृंखला 21 अमीनो अम्ल अवशेष से जबकि B श्रृंखला 30 अमीनो अम्ल अवशेष से बनी होती है। A-श्रृंखला में एक N-छोर ग्लाइसिन (GLY) एवं एक C-छोर होता है जबकि B-श्रृंखला में एक N-छोर फिनाइल एलेनीन (Phe) एवं एक C-छोर एलेनीन (Ala) होता है। दो सल्फाइड बंध (-S-S-) A श्रृंखला की 7वीं तथा 20वीं स्थिति पर तथा B श्रृंखला की 7वीं तथा 19वीं स्थिति पर सिस्टीन अमीनो अम्लों के बीच स्थित होते हैं। एक तीसरा डाइसल्फाइड बंध (-S-S-) A श्रृंखला की 6वीं एवं 11 वीं स्थिति पर सिस्टीन (cys) अमीनो अम्लों के बीच भी स्थित होता है। इन्सुलिन की दोनों श्रृंखलाओं का जैव संश्लेषण (bio-synthesis) एकल पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला प्रोइन्सुलिन (proinsulin) के रूप में होता है जिसमें B श्रृंखलाएँ 33 अमीनो अम्लों के please thanks