प्र.1 'आत्मपरिचय' कविता में परस्पर विपरीत कथनों से कवि क्या कहना चाहता है ?
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कविता एक ओर जगजीवन का भार लिए घूमने की बात करती है और दूसरी ओर मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ – विपरीत से लगते इन कथनों का क्या आशय है? उत्तर: ... कहने का भाव है कि कवि ने अपने जीवन को जगत का भार माना है।
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thankyou
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