Biology, asked by seetarammehra74, 6 months ago

प्र.13. पशु प्रजनन की प्रसंकरण विधि को उदाहरण सहित समझाइए।​

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पशु प्रजनन की मुख्य विधियाँ:- पशु प्रजनन की दो विधियाँ है:-

1-अन्तः प्रजनन:- एक ही नस्ल के दो पशुओं के मध्य जनन की क्रिया को अन्तः प्रजनन कहते है।

बाहरी दिखावट आकार, आकृति रंग-रूप आदि में समान दो पशु एक ही नस्ल के होते है।

उत्तम नस्ल के नर एवं मादा पशु का चयन करते है तथा उनमें संघम कराया जाता है इस प्रकार प्राप्त संतति का मूल्याँकन किया जाता है जैसे मादा पशु गाय अधिक दूध देने वाला हो तथा नर पशु साँड उत्तम संतति प्रदान करने वाला हो।

 महत्व:-

 लाभ:-

1 समयुग्मकता को बढावा मिलता है।

2 शुद्ध वंश क्रम प्राप्त होता है।

3 अशुद्ध हानिकारक लक्षणों का निष्कासन हो

4 शुद्ध जीनों का संचय होता है।

 हानि:-

अंत प्रजनन अवसादन:-

लगातार अंतःप्रजनन से संतति कमजोर हो जाती है उसकी जनन क्षमताएवं उत्पत्ति क्षमता में कमी आती है। इसे अन्तंः प्रजनन अवसादन कहते है।

 समाधान:-

चार से छः पीढीयों के बाद उत्तम नस्ल के चयनित पशु का असम्बंध नस्ल से संकरण कराते है बहि संकरण कराते है।

2- बाहयः प्रजनन:-

दो विभिन्न नस्लों के बीच प्रजनन की क्रिया को बहिः प्रजनन कहते है यह क्रिया निम्न विधियों के द्वारा की जाती है।

। बहिः संकरण:-

चार से छः पीढी में उभयपूर्वज रहित नस्ल के मध्य संकरा की क्रिया को बहिः संकरण कहते है। इसके द्वारा अन्तः प्रजनन अवसादन को दूर किया जा सकता है।

II संकरण:-

दो विभिन्न नस्लो के मध्य संगम की क्रिया को संकरण कहते है इस प्रकार प्राप्त संतति को संकर संतति कहते है जिसमें दोनो जनकों के उत्तम लक्षण प्राप्त होते है।

उदारहण:-

1 हिसर डैल भेड (पंजाब, बीकानेरी, ऐवीस भेडगमेरीनोरेम्स मेढा)

2. बेगुस गाय-ब्राहया (साण्ड) एवरडीन (गाय)

III अतिविशिष्ट संकरण:-

दो निकटतम सम्बन्ध जातियो ंमें संकरण की क्रियाक ो अतिविशिष्ट संकरण कहते है इस प्रकार प्राप्त संतति बंध्य होती है।

उदाहरण:- घोडा ग् गधा त्र खच्चर

IV कृत्रिम वीर्य सेचन:- कृत्रिम साधनों के द्वारा कृत्रिम सूई मादा को वीये संचित करने की क्रिया वीये सेचन कहलाती है। इसमें उत्तम नस्ल के नर पशु का वीर्य प्राप्त किया जाता है तथा उसे तुरन्त अथवा हिमीकृत करके बाद में भी प्रयोग किया जा सकता है।

 महत्व:-

1 वाँछित नस्ल की प्राप्ति

2 अनेक मादाओं को गर्भित किया जाता सकता है।

3 उत्तम पशु की तलाश में पशुपालक को भटकना नहीं पडता

4 अभिगमन में सुविधा।

 MOET बहुअण्डोत्सर्ग भ्रूण अंतरण –

FSH हार्मोन के द्वारा मादा में 6-8 अण्डो के उत्सर्जन को प्रेरित किया जाता है। इन्हें अलग-अलग मादाओं में निषेचन के पश्चात् रोपित कराया जाता है।

 महत्व:-

1 कम समय लगता है।

2 वाँछित नस्ल की प्राप्ति

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पशुप्रजनन (Animal breeding) के व्यापक अर्थ के अंतर्गत पशुओं के उत्पादन, उनके पालनपोषण तथा देखभाल संबंधी सभी प्रकार के कार्य आते हैं, किंतु सीमित अर्थ में इस शब्द का प्रयोग प्राय: पशुओं की आनुवंशिकता (heredity) में ऐसे सुधार करने से है जिससे मनुष्य की आवश्यकता तथा इच्छानुकूल उन्नत प्रकार के पशु उपलब्ध हो सकें।

पशुओं का सुधार संपादित करें

पशुओं का सुधार दो प्रकार से किया जा सकता है :

प्रथम उनके वातावरण में सुधार करने से तथा दूसरा उनकी आनुवंशिकता में सुधार करने से। इन दोनों में से किसी एक में ही सुधार करने से यथोचित प्रगति नहीं हो सकती।

वातावरण में सुधार करने से पशुसंख्या (population) में परिवर्तन प्राय: बहुत शीघ्र होता है, किंतु वह परिवर्तन स्थायी नहीं होता और तभी तक रहता है जब तक नई परिस्थिति बनी रहती है। किंतु किसी पशुसमुदाय की आनुवंशकिता में सुधार द्वारा परिवर्तन प्राय: मंद गति से होता है, किंतु वह स्थायी होता है।

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