Hindi, asked by prmod6266, 1 month ago

प्र. 23 वासुदेव शरण अग्रवाल अथवा रामवृक्ष बेनीपुरी का साहित्यक परिचय निम्नलिखित
बिन्दुओं के आधार पर लिखिए।
(6) दो रचनाएँ
(i) भाषा-शैली
(ii) साहित्य में स्थान
(1+2+1=3
पिन से किसी एक पद्याश की व्याख्या सएसा लिखिए।
(++++2=​

Answers

Answered by sayyedshamasayyed832
0

Answer:

vtyvvybyyb unyybv6g66gyhy7uh7व्वुव्युव्य्फुव्गछच्वछबंगfarhan sayyed

ygyhbyyhubybuh

Answered by samanarizvi144
11

Answer:

दो या दो से अधिक वर्षों के परस्पर मिलने से जो विकास या परिवर्तन होता है। उसे सन्धि कहते हैं।

जैसे–

विद्या + आलय = विद्यालय

रमा + ईश = रमेश

सूर्य + उदय = सूर्योदय

पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा

सत् + जन = सज्जन

एक + एक = एकैक

सन्धि तीन प्रकार की होती हैं

स्वर संधि,

व्यंजन संधि और

विसर्ग संधि।

जब स्वर से परे स्वर होने पर उनमें जो विकार होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं। दूसरे शब्दों में स्वर के बाद जब कोई स्वर आता है तो दोनों के स्थान में स्वर हो जाता है। उसे स्वर संधि कहते हैं

सत् + जन = सज्जन

एक + एक = एकैक

सन्धि तीन प्रकार की होती हैं

स्वर संधि,

व्यंजन संधि और

विसर्ग संधि।

जब स्वर से परे स्वर होने पर उनमें जो विकार होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं। दूसरे शब्दों में स्वर के बाद जब कोई स्वर आता है तो दोनों के स्थान में स्वर हो जाता है। उसे स्वर संधि कहते हैं;

MP Board Solutions

जैसे–

धर्म + अर्थ = धर्मार्थ

रवि + इन्द्र = रवीन्द्र

भानु + उदय = भानूदय

सुर + इन्द्र सुरेन्द्र

सदा + एव = सदैव

इति + आदि = इत्यादि

नै + अक = नायक

स्वर संधि के भेद–स्वर संधि के पाँच भेद हैं–

दीर्घ संधि,

गुण संधि,

वृद्धि संधि,

यण संधि, और

अयादि संधि।

1. दीर्घ संधि–ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ, ऋ, के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ इ, उ, ऋ क्रमशः आए तो दोनों को मिलाकर एक दीर्घ–स्वर हो जाता है।

जैसे–

परम + अर्थ = परमार्थ

राम + आधार = रामाधार

अभि + इष्ट = अभीष्ट

भानु + उदय = भानूदय

मही + इन्द्र = महीन्द्र

गिरि + ईश = गिरीश

महा + आशय = महाशय

अदय + अपि = यद्यपि

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