Hindi, asked by aryanbhattad07, 5 months ago

प्र.१.अ) निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।
भारतीय संस्कृति का प्रकृति से गूढ़ संबंध रहा है । सभ्यता के आदिकाल से मनुष्य पूर्णतया प्रकृति पर ही
आश्रित रहा है। हमारे पौराणिक ग्रंथों में प्रकृति के विभिन्न तत्वों की पूजा का वर्णन मिलता है। हमारे
देश में तुलसी, पीपल, बरगद आदि की पूजा आज भी की जाती है । वृक्षों के प्रति श्रद्धा एवं आदर
भाव रखने का मूल कारण यह था कि हमारे देश के प्राचीन मनीषियों ने यह जान लिया था कि मानव का
अस्तित्व वृक्षों के अस्तित्व पर ही निर्भर है। यही कारण था कि घर के आँगन में तुलसी का पौधा लगाकर
प्रति दिन उसकी पूजा की जाती थी । तुलसी का पौधा घर में होना आज भी शुभ माना जाता है । अपने
घर के पिछवाड़े , आम , नीम , केले आदि के पेड़ लगाने की परंपरा सदियों से चलती आ रही है ।
मंदिरों में बरगद , पीपल , नीम ,
पीपल , नीम , बेल आदि के पेड़ हमेशा से लगाए जाते रहे हैं और श्रद्धालु प्रायः
प्रतिदिन इस पर लोटा भर जल डालकर अपनी श्रद्धा प्रकट करते रहते हैं ।
प्रश्न:
क) प्रकृति से संबंध किसका और कब से है?
ख) हमारे देश में किन वृक्षों की पूजा आज भी की जाती है ?
ग) वृक्षों के प्रति इस श्रद्धा का क्या कारण है ?
घ) मंदिरों में किन वृक्षों पर नित्यप्रति जल चढ़ाया जाता है ?
ङ) घर के पिछवाड़े में कौन से वृक्ष लगाने की परंपरा सदियों से चलती आ रही है ?
च) प्रस्तुत गद्यांश को उचित शीर्षक दीजिए ?​

Answers

Answered by mksjdp
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Answer:

1 answer in 1st paragraphs first line oky

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