Hindi, asked by vanisinghal0408, 8 months ago

प्र. अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
एक जमाना था जब मोहल्ले दारी पारिवारिक आत्मीयता से भरी होती थी। सब मिलजुल कर रहते थे
। हारी-बीमारी खुशी- गम सब में लोग एक दूसरे के साथ थे किसी का किसी से कुछ छुपा नहीं था।
आज के लोगों को शायद लगे कि लोगों की अपनी प्राइवेसी' क्या रही होगी? लेकिन इस प्राइवेसी के
नाम पर ही तो हम एक दूसरे से कटते रहे और कटते - कटते ऐसे अलग हुए कि अकेले पड़ गए। पहले
लोग स्वयं अलग हुए फिर अलग मकान लेकर रहने लगे। निजी स्वतंत्रता को अपनी नई परिभाषा
देकर यह एकाकीपन हमने स्वयं अपनाया है। मोहल्ले में आपस में चाहे जितनी तकरार हो पर यह थोड़े
ही संभव था कि बाहर का कोई आकरकिसी को कड़वी बात कह जाए पूरा मोहल्ला टूट पड़ता था। सब
एक दूसरे का ख्याल रखते थे। एक दूसरे के दुख तकलीफ में एक दूसरे की मदद करते थे। देखते-
देखते वह जमाना हवा हो गया, मोहल्ले दारी टूटने लगी। आबादी बढ़ी, महंगाई बढ़ी पर सबसे
ज्यादा जो चीज दुर्लभ हो गई। वह थी आपसी लगाव और अपनापन | लोगों की आँखों का आपसी
सद्भाव मर गया। लोगों ने एक-दूसरे से अपने को काट लिया। भाईचारा प्रेम संबंध आदि सब
किताबों में दबकर रह गए। देखते-देखते कैसा रंग बदला है कि लोग अपने आप में सिमटकर पैसे के
पीछे भागे जा रहे हैं सारे रिश्ते नातों को उन्होंने ताक पर रख दिया है फिर पड़ोसी से उन्हें क्या लेना
देना। यह नीरस महानगरीय सभ्यता महानगरों से चलकर कस्बों और देहातों तक को अपनी चपेट में ले
चुकी है। मकानों में रहने वाले एक दूसरे को नहीं जानते। इसी भाग-दौड़ में आदमी का अस्तित्व
समाम हो गया है यदि आपको फ्लैट नंबर मालूम नहीं तो उसी बिल्डिंग में जाकर भी वांछित व्यक्ति को
नहीं ढूंढ पाएंगे। ऐसी जगह में किसी प्रकार के संबंधों की अपेक्षा कहाँ की जा सकती है ? ये सब
वर्तमान संस्कृति की उन बातों की ओर इंगित करता है जो मानवता को शर्मसार कर रही हैं । बड़े
.
ताज्जुब की बात है कि एक फ्लैट में रहने वाले यदि किसी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना घट जाती है तो
दूसरे फ्लैट में रहने वाले को पता तक नहीं चलता यदि पता चल जाता है तो वह पड़ोसी के घर में झांकने
तक नहीं जाता है। ऐसे में यह सब चाहते हैं कि यदि हमारे ऊपर संकट आए तो सारी दुनिया हमारे
दुख में दुखी हो पर ऐसा कैसे संभव हो सकता है ? जब तक हम दूसरों की चिंता नहीं करेंगे तो हमारी
चिंता कौन करेगा ? अत: आज आवश्यकता है दोबारा से हम अपनी भारतीय संस्कृति , जिसकी
पहचान ही भाईचाग, मेल-मिलाप थी, उसको अपनाएं और अपनी प्राणवती संस्कृति को ही गर्व
के साथ अपनी पहचान बनाए ।
(क) पारिवारिक आत्मीयता से आप क्या समझते हैं ?
(ख) प्राइवेसी क्या है और इसके क्या दुष्परिणाम हुए हैं ?
(ग) मोहल्ला एक सुरक्षा कवच का काम किस प्रकार करता था ?
(घ) मोहल्लेदारी दारी टूटने का क्या प्रभाव पड़ा है ?
(ड.) महानगरीय जीवन में सबसे बड़ी हैरानी किस बात की है?
(च) जब तक हम दूसरों की चिंता नहीं करेंगे हमारी चिंता कौन करेगा रचना की दृष्टि में वाक्य किस
प्रकार का है?
(छ) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए ।

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Answers

Answered by hemadevi169848
5

Answer:

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 59.24 लाख के करीब हो गई है. अमेरिका में इससे 103,330 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. वहां 18 लाख लोग संक्रमित हैं. भारत में भी कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या डेढ़ लाख के पार चली गई है. इसकी दवा अब तक उपलब्ध नहीं है. इसलिए इससे बचाव ही एकमात्र रास्ता है.

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इसके लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है. लक्षणों को पहचानकर ही कोरोना वायरस को काबू में किया जा सकता है.

कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव के तरीके

कोरोना वायरस का मुख्य लक्षण तेज बुखार है. बच्चों और वयस्कों में अगर 100 डिग्री फ़ारेनहाइट (37.7 डिग्री सेल्सियस) या इससे ऊपर पहुंचता है तभी यह चिंता का विषय है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर 88 फीसदी को बुखार, 68 फीसदी को खांसी और कफ, 38 फीसदी को थकान, 18 फीसदी को सांस लेने में तकलीफ, 14 फीसदी को शरीर और सिर में दर्द, 11 फीसदी को ठंड लगना और 4 फीसदी में डायरिया के लक्षण दिखते हैं. रनिंग नोज यानी नाक बहना कोरोना वायरस का लक्षण नहीं माना जा रहा है. हां, एक बात ध्यान देने वाली है कि कई मामले ऐसे मिले हैं, जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नजर नहीं आए हैं. इसलिए आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.

आइए जानते हैं कि इस वायरस के लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं.

क्या है कोरोना वायरस?

कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था. डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं. अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है.क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?

Answered by anmoldash
0

Explanation:

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