प्राचीन भारत मे सूल्बा सूत्र ग्रंथ महत्वपूर्ण था-
(1) ज्यामितीय रचनाओं के लिए (2) वृत्त के लिये
(3) त्रिभुजो के लिये
(4) चतुर्भुज के लिये
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सही विकल्प होगा...
✔ (1) ज्यामितीय रचनाओं के लिए
स्पष्टीकरण ⦂
प्राचीन भारत में सूल्बा सूत्र ग्रंथ ज्यामितीय रचनाओं के लिए महत्वपूर्ण था।
- शुल्ब सूत्र ग्रंथ संस्कृत के ग्रंथ हैं। यह ग्रंथ ज्यामितीय रचनाओं से संबंधित है। इन ग्रंथों में यज्ञ वेदी बनाने के लिए, यज्ञ वेदी की रचना करने के लिए आवश्यक जानकारी दी हुई है।
- शूल्ब ग्रंथों में यज्ञ वेदी को नापना, उसके लिए उचित स्थान सुनना, उसको कैसे बनाया जाए, उसकी कैसी संरचना रखी जाए, इन सब बातों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
- शुल्ब सूत्र कई प्रकार के हैं, जिनमें कुछ के नाम बौधायन शुल्ब सूत्र, मानव शुल्ब सूत्र, आपस्तम्ब शुल्ब सूत्र, कात्यायन शुल्ब सूत्र आदि के नाम प्रमुख हैं।
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Answer:
प्राचीन भारत मे सूल्बा सूत्र ग्रंथ ज्यामितीय रचनाओं के लिए महत्वपूर्ण था
Step-by-step explanation:
सुलबा सूत्र श्रौत अनुष्ठान से संबंधित ग्रंथ हैं जो अग्नि-वेदी के निर्माण से संबंधित ज्यामिति के बारे में जानकारी देते हैं।
वे श्रौत सूत्र नामक ग्रंथों के बड़े समूहों का एक हिस्सा हैं जो वेदों के उपांग हैं।
भारतीय गणित के एकमात्र स्रोत के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि उनमें:
- पाइथागोरस प्रमेय,
- पाइथागोरस त्रिगुण,
- वर्गमूल, और
- ज्यामितीय आकृतियों जैसे वर्ग और आयतों के निर्माण के कथन शामिल हैं।
इसलिए, यह बहुत अच्छी तरह से कहा जा सकता है कि सुल्ब सूत्र ज्यामितीय निर्माण के लिए सही संदर्भ थे।
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