Social Sciences, asked by Mutagekarswapni831, 10 months ago

प्राचीन भारत में उद्योग एवं व्यापार की क्या स्थिति थीं?

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Answered by mohit8776
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Answer:

parachin bharat me veyapar kam hora that and vedesh me to hora hi nahi tha

Answered by bhatiamona
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Answer:

प्राचीन भारत में उद्योग व व्यापार की स्थिति बहुत सुदृढ़ थी। भारत की अर्थव्यवस्था उस समय विश्व में सबसे अधिक मजबूत थी और वह पूरे विश्व में व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र था।

भारत उस समय संसाधनों से समृद्ध था। भारत आयात कम करता था और निर्यात अधिक करता था, क्योंकि भारत में निर्मित वस्तुएं उच्च गुणवत्ता की होती थीं जबकि विदेशों में निर्मित वस्तुएं गुणवत्ता की दृष्टि से बहुत अच्छी नहीं होती थीं। उस समय विश्व के अन्य देशों औद्योगिक दृष्टि से पिछड़े हुए थे जबकि भारत औद्योगिक दृष्टि से एक उन्नत देश था और संसाधनों से परिपूर्ण था।

भारत में निर्मित वस्तुओं की विदेशी बाजारों में बहुत मांग रही थी, जिसमें जरी के वस्त्र, तंबाकू, नील, शॉल, रेशमी वस्त्र, सूती वस्त्र, गरम मसाले आदि वस्तुयें थीं।

भारत में धातु उद्योग भी बहुत उन्नत अवस्था में था। सोने, चांदी, पीतल, तांबे के आभूषणों और वस्तुओं का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता था।

वस्त्र उद्योग भी भारत में अपनी सुदृढ़ अवस्था में था और वस्त्रों के व्यापार के कई प्रमुख केंद्र थे। भारत के कई प्रसिद्ध बंदरगाह थे जहाँ से विदेशों को माल भेजा जाता था।

भारत से व्यापार दक्षिण पूर्वी एशिया में जावा सुमात्रा आदि देशों में होता था जबकि मध्य एशिया के कई देशों में भारत से व्यापार होता था। बाद में विदेशी आक्रांता ने भारत को पर हमले करने शुरू कर दिए और भारत को जमकर लूटा। विशेषकर अंग्रेजों ने तो भारत को एकदम खोखला कर दिया। इस कारण भारत उद्योग व व्यापार के क्षेत्र में पिछड़ गया।

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